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Hindi News विदेश अमेरिका UN ने भी माना "भारत के दृष्टिकोण" पर भरोसा करता है "ग्लोबल साउथ", पीएम मोदी के कायल हैं ज्यादातर देश

UN ने भी माना "भारत के दृष्टिकोण" पर भरोसा करता है "ग्लोबल साउथ", पीएम मोदी के कायल हैं ज्यादातर देश

भारत ने जी-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल कराकर खुद को ग्लोबल साउथ के बड़े पैरोकार के रूप में पेश करने का जो प्रयास किया था, अब उस पर संयुक्त राष्ट्र की भी मुहर लग गई है। यूएन ने कहा कि आज ग्लोबल साउथ को केवल भारत के दृष्टिकोण पर भरोसा है।

संयुक्त राष्ट्र और पीएम मोदी। - India TV Hindi Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र और पीएम मोदी।

न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र ने भी यह बात मान ली है कि "ग्लोबल साउथ" के देशों को भारत के दृष्टिकोण पर भरोसा। वह पीएम मोदी की बातों पर विश्वास करते हैं। यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को "ग्लोबल साउथ" की आवाज के तौर पर पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र के इस बयान के बाद अब साफ हो गया है कि भारत इसमें पूरी तरह सफल रहा है। संयुक्त राष्ट्र की राजदूत ने कहा है कि बहुपक्षीय भागीदारी के प्रति भारत का दृष्टिकोण परस्पर सम्मान और एकजुटता पर आधारित है और बेहतर भविष्य को आकार देने में योगदान देने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ ‘‘भारत के इसी दृष्टिकोण’’ पर भरोसा करता है।

संयुक्त राष्ट्र में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की स्थायी प्रतिनिधि इंगा रोंडा किंग ने कहा, ‘‘आज ‘ग्लोबल साउथ’ में महत्वपूर्ण नेताओं में से एक आपका बेहतरीन देश भारत है।’’ ‘सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स’ (सीजीआईआई) और ‘इंडिया राइट्स नेटवर्क’ की ओर से ‘भविष्य का संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन: भारत और विश्व के लिए इसके क्या मायने हैं’, विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए किंग ने कहा कि बहुपक्षीय जुड़ाव के प्रति भारत का दृष्टिकोण आपसी सम्मान और एकजुटता पर आधारित है। कैरेबियाई देश की संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने कहा, ‘‘आज, ‘ग्लोबल साउथ’ भविष्य को आकार देने में योगदान देने के लिए भारत के दृष्टिकोण पर भरोसा करता है।’’

क्वाड और संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन भारत के लिए अहम

यह वेबिनार ऐसे समय में आयोजित किया गया है, जब विश्व के नेता 22 व 23 सितंबर को आयोजित होने वाले ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एकत्रित होने वाले हैं, जिसके बाद वार्षिक महासभा उच्च स्तरीय सप्ताह का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 सितंबर को विलमिंगटन, डेलवेयर में राष्ट्रपति जो.बाइडेन द्वारा आयोजित ‘क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन’ में शामिल होंगे और 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में एक विशाल सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस लिहाज से ये दोनों कार्यक्रम भारत के लिए बेहद अहम हैं।

भारत के नेतृत्व में जी-20 में शामिल हुआ अफ्रीकी संघ

किंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘आपके (भारत के) इसी तरह के एकजुटता की भावना’’ की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के नेतृत्व में ही अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल कर इसका विस्तार किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यही भविष्य है। कोविड-19 महामारी के दौरान ‘वैक्सीन कूटनीति’ के लिए भारत का दृष्टिकोण - यही भविष्य का रास्ता है। भारत संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी कोष में आप भागीदार को यह तय करने देते हैं कि हम आपके द्वारा प्रदान की गई धनराशि का उपयोग कैसे करें। यही आपसी सम्मान और एकजुटता का रास्ता है।’’ किंग ने कहा, ‘‘यह ‘ग्लोबल साउथ’ में ‘‘भारत के नजरिए से’’ बहुपक्षवाद का नया रास्ता है। मैं भारत के बहुपक्षवाद के तरीके से बहुत प्रभावित हूं।’’

संयुक्त राष्ट्र में हो भारत की बड़ी भूमिका

संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन को बहुपक्षवाद के लिए एक ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके परिणामों का वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि क्या उच्च आदर्शों को कार्यान्वयन योग्य प्रतिबद्धताओं में बदला जा सकता है और क्या वैश्विक शक्ति सार्थक परिवर्तन की अनुमति देगी। शिखर सम्मेलन में विश्व के नेता सर्वसम्मति से भविष्य की संधि को अपनाएंगे, जिसमें वैश्विक डिजिटल समझौता और भावी पीढ़ियों पर घोषणा शामिल होंगी। (भाषा)

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