Russia-Ukraine War: रूस का रक्षा मंत्रालय यूक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए उत्तर कोरिया से लाखों रॉकेट और तोप के गोले खरीदने की तैयारी कर रहा है। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। अमेरिका के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर सोमवार को बताया कि रूस का अलग-थलग पड़े देश उत्तर कोरिया का रुख करना दर्शाता है कि ‘निर्यात पर विभिन्न रोक और प्रतिबंधों के कारण रूसी सेना यूक्रेन में आपूर्ति की कमी का सामना कर रही है।’ अमेरिका के खुफिया अधिकारियों का मानना है कि रूस भविष्य में उत्तर कोरिया से अतिरिक्त सैन्य उपकरण भी खरीद सकता है।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ अखबार ने सबसे पहले इस खुफिया रिपोर्ट के आधार पर एक खबर प्रकाशित की थी। अमेरिकी अधिकारी ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि रूस उत्तर कोरिया से कितने हथियार खरीदना चाहता है। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने रूसी सेना के यूक्रेन में इस्तेमाल करने लिए ईरान से ड्रोन हासिल करने की अगस्त में पुष्टि की थी। उत्तर कोरिया ने रूस के साथ संबंधों को मजबूत करने की मांग की है और यूक्रेन संकट के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है।
रूस के यूक्रेन पर हमले को सही ठहराया
उसने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि पश्चिम की ‘आधिपत्य नीति’ के खिलाफ रूस की कार्रवाई आत्मरक्षा के लिए की गई है। उत्तर कोरिया ने देश के पूर्व में रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए मजदूर भेजने को लेकर भी रुचि दिखाई है। रूस में उत्तर कोरिया के राजदूत ने हाल ही में यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में रूस समर्थित दो अलगाववादी क्षेत्रों के दूतों से मुलाकात की थी और ‘कामगार भेजने’ के संबंध में सहयोग का आश्वासन दिया था।
दोनेत्सक-लुहान्स्क की स्वतंत्रता को दी मान्यता
रूस और सीरिया के अलावा उत्तर कोरिया इकलौता ऐसा देश था, जिसने जुलाई में दोनेत्सक और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता दी और यूक्रेन में युद्ध के संबंध में रूस का समर्थन किया था। दूसरी तरफ रूस ने पश्चिमी देशों द्वारा खुद पर यूक्रेन युद्ध के कारण लगाए गए प्रतिबंधों का बदला लेने के लिए गैस में भारी कटौती कर दी है। जिसकी वजह से यूरोपीय देश भारी ऊर्जा संकट का सामना कर रहे हैं। वहां कई घंटों के लिए बिजली जा रही है। अब चूंकी सर्दियां काफी करीब आ रही हैं, इसलिए संकट के और बढ़ने को लेकर अभी से सरकारों ने चिंता जताना शुरू कर दिया है।
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