वाशिंगटनः जिस उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए यूक्रेन ने रूस से युद्ध मोल ले लिया, जिस नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन ने खुद को तबाह कर डाला, जिस नाटो का सदस्य बनने के लिए जेलेंस्की ने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया, जिस नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन ने अपने लाखों सैनिकों को कुर्बानी की बेदी पर चढ़ा दिया...फिलहाल वह उसे हासिल नहीं होगा। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध में अब तक सबसे बड़ी मदद करने वाला देश अमेरिका ही कह रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को सबसे बड़ा झटका देते हुए अमेरिका ने कहा कि अभी इस देश को नाटो में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। अमेरिका के इस बयान से जेलेंस्की का सपना खंड-खंड होता दिख रहा है। हालांकि अमेरिका का यह बयान मौजूदा परिस्थितियों को लेकर दिया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन नाटो सदस्यता के लिए ‘अपरिवर्तनीय’ रास्ते पर है और उसे रूस के साथ उसका युद्ध समाप्त होने के बाद ही इस पश्चिमी सैन्य गठबंधन में शामिल होने दिया जाएगा।
यूरोप भी जारी कर सकता है संयुक्त बयान
यूक्रेन को फिलहाल नाटो में शामिल नहीं किए जाने को लेकर यूरोप भी एक संयुक्त बयान जारी कर सकता है। यूरोप के एक अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन में नाटो के सभी 32 सदस्य देशों की बैठक के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य आ सकता है, जिसमें यूक्रेन के लिए नाटो के संबंध में प्रतिबद्धता को मजबूती से व्यक्त किया जाएगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो से इस संबंध में पुख्ता गारंटी देने की बात कही है कि यूक्रेन इस सैन्य गठजोड़ में शामिल हो सकता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने नाटो में शामिल होने के पड़ोसी देश यूक्रेन के प्रयासों का पुरजोर विरोध किया है और इसे रूस के सुरक्षा और हितों पर अतिक्रमण करार दिया है। नाटो महासचिव जीन्स स्टोल्टेनबर्ग ने इस बात को रेखांकित किया है कि यूक्रेन तत्काल नाटो का सदस्य नहीं बनेगा। (एपी)
Latest World News