नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र ने रूस पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने दुनिया में ‘‘मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन’’ किया है। गुतारेस ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार परिषद में एक संबोधन में कहाकि रूसी आक्रमण की वजह से बड़े पैमाने पर मौत, तबाही हुई और लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा। उन्होने कहा कि नागरिकों और असैन्य बुनियादी ढांचे पर हमलों के कारण कई लोग हताहत हुए हैं और भयानक पीड़ा हुई है।
यूक्रेन में चिकित्सा सेवा के प्रमुख अनातोली ने कहा कि उनकी टीम हर दिन दर्जनों सैनिकों का इलाज करती है और बमुश्किल खाने का समय मिलता है। इस बीच यूक्रेन की सेना ने कहा है कि रूस ने कई क्षेत्रों में सोमवार सुबह तक ड्रोन से हमले किए जिनमें दो लोगों की मौत हो गई। गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा रिकॉर्ड में दर्ज यौन हिंसा, जबरन गुमशुदगी, मनमानी हिरासत और युद्ध बंदियों के अधिकारों के उल्लंघन के मामलों का हवाला दिया। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि 75 साल पुरानी मानवाधिकारों की सार्वजनिक घोषणा का लगातार दुरुपयोग किया गया। गुतारेस ने कहा, ‘‘राजनीतिक फायदे के लिए हमेशा इसका दुरुपयोग किया गया और इसे उन्हीं लोगों द्वारा नजरअंदाज किया गया।
न्यू स्टार्ट संधि रद्द करने पर भी रूस की आलोचना
गुतारेस ने कहा, ‘‘यह इतिहास के सही हिस्से की तरह खड़ा होने का क्षण है।’’ यूक्रेन में युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर मानवाधिकार परिषद से रूस की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। जिनेवा में परिषद की बैठक में पश्चिमी देशों के राजदूतों ने युद्ध के लिए रूस की आलोचना की। इसी तरह, निरस्रीकरण पर सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने अमेरिका के साथ ‘न्यू स्टार्ट’ संधि से रूस की भागीदारी निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की आलोचना की। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे और जेलेंस्की को 500 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता के ऐलान के बाद पुतिन ने अमेरिका के साथ न्यू स्टार्ट संधि को निलंबित कर दिया था। इसके बाद 32 साल से बंद पड़े परमाणु परीक्षण संस्थान को फिर से न्यूक्लियर टेस्ट की हरी झंडी दे दी।
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