Philippines & US in South China Sea: अमेरिका और चीन के बीच ताइवान पर तनाव का दौर जारी है। ताइवान पर अमेरिका जिस तरह से लगातार दखलंदाजी कर रहा है और चीन उसे रोकने का प्रयास कर रहा है, उससे दोनों देशों में युद्ध की स्थिति बनती जा रही है। अब अमेरिका और फिलीपींस ने मिलकर दक्षिण चीन सागर में चीन को नई चुनौती देकर उसकी टेंशन बढ़ा दी है।
दक्षिण चीन सागर में ये क्या हो रहा है
सोमवार को करीब 2500 की संख्या में अमेरिका और फिलीपींस के मरीन कमांडो दक्षिण चीन सागर में उतरते देखे गए। इसके बाद सैनिकों ने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इतनी अधिक संख्या में दुश्मन देश अमेरिका और फिलीपींस के सैनिकों को देखकर चीन में खलबली मच गई। अमेरिका के अनुसार 2500 से ज्यादा मरीन सोमवार को संयुक्त युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने कि लिए दक्षिण चीन सागर में उतरे हैं।
ताइवान संकट का सामना करने के लिए प्रैक्टिस
बताया जा रहा है कि अमेरिका का मकसद दक्षिण चीन सागर क्षेत्रीय विवाद और ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में क्षेत्र में अचानक पैदा होने वाले किसी भी संकट का सामना करने में सक्षम होना है। फिलीपीन के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के शासन काल में वार्षिक सैन्य अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है। उनके पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतेर्ते अमेरिकी सुरक्षा नीतियों के मुखर आलोचक थे और वह अमेरिकी बलों के साथ सैन्य अभ्यास के लिए राज़ी नहीं होते थे। उनका कहना था कि इससे चीन नाराज़ हो सकता है।
को-ओपरेशन ऑफ वॉरियर्स ऑफ सी से ड्रैगन परेशान
‘को-ओपरेशन ऑफ वॉरियर्स ऑफ सी’ नाम के इस अभ्यास में अमेरिका के 1900 और फिलीपींस के 600 से ज्यादा मरीन शामिल हैं। अमेरिका और फिलीपींस के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि वे हमलों और विशेष अभियानों का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के एचआईएमएआरएस मिसाइल लॉन्चर और सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह 14 अक्टूबर को खत्म होगा। यह अभ्यास पलावान प्रांत में भी होगा जो दक्षिण चीन सागर से सटा है और उत्तरी फिलीपीन में भी होगा जो ताइवान के लुजॉन जलडमरूमध्य के पार स्थित है।
अमेरिका और जापान का भी सैन्य अभ्यास
फिलीपीन के रियर एडमिरल सीजर बर्नार्ड वालेंसिया ने कहा कि अभ्यास तटीय सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और यह किसी भी देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि जापानी और दक्षिण कोरियाई सेना पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेंगी लेकिन वे आपदा-प्रतिक्रिया अभ्यास में शामिल हो सकती हैं। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि इसी के साथ ही अमेरिकी मरीन और जापानी बलों के साथ सैन्य अभ्यास किया जा रहा है जो जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइदो पर हो रहा है और इसमें दोनों देशों के करीब तीन हजार सैन्य कर्मी हिस्सा ले रहे हैं।
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