‘टाइटैनिक‘ फिल्म के निर्माता जेम्स कैमरून ने कहा कि वह 1912 में इस ऐतिहासिक जहाज के डूबने की घटना और हाल में इसका मलबा देखने के लिए एक सबमर्सिबल पर सवार होकर गए यात्रियों की मौत के बीच समानताओं से हैरान हैं। टाइटैनिक जहाज की आपदा को लेकर इसी नाम से 1997 में आई फिल्म से पहचान बनाने वाले कैमरून ने कहा कि समुद्र संबंधी इंजीनियरिंग समुदाय के कई सदस्य इस पनडुब्बी को लेकर चिंतित थे।
उन्होंने कहा कि ‘समुदाय के कई शीर्ष सदस्यों ने कंपनी को पत्र भी लिखा था कि वे जो कर रहे हैं वह यात्रियों को ले जाने के लिए काफी प्रयोगात्मक है और इसे प्रमाणित किए जाने की आवश्यकता है।‘ हॉलीवुड फिल्म निर्माता ने कहा, ‘मैं टाइटैनिक आपदा की समानताओं से हैरान हूं, जहां कैप्टन को उसके जहाज के आगे बर्फ के बारे में बार बार आगाह किया गया था और फिर भी वह अंधेरे में बर्फ की चट्टानों पर पूरी गति के साथ चलता रहा। इसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए।‘
टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए खुद 33 बार गहरे समुद्र में उतर चुके फिल्म निर्माता ने कहा कि यह ‘बहुत विचित्र‘ है कि 100 साल से अधिक समय बाद उसी स्थान पर वैसी ही एक घटना हुई। गौरतलब है कि गुरुवार को बचाव दलों को टाइटैनिक जहाज के मलबे के समीप सबमर्सिबल के बाहरी हिस्से मिले।
इस पर्यटक पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशियनगेट ने कहा कि ‘टाइटन‘ नामक पनडुब्बी में सवार सभी पांच यात्रियों की मौत हो गई है। टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प इंजन चालित यात्री जहाज था। अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में अपनी पहली यात्रा पर रवाना होने के चार दिन बाद यह एक हिम शैल से टकराने के बाद डूब गया था। पिछले साल रोड आइलैंड के तट के पास इस जहाज का मलबा पाया गया था।
Latest World News