यूक्रेन युद्ध में रूस का सहयोग कर रहा था दक्षिण अफ्रीका! अब अमेरिका कर सकता है ये कार्रवाई
अमेरिकी सांसदों ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा युद्ध अपराध का आरोपी बनाए जाने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका अगस्त में जोहानिसबर्ग में उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के शिखर सम्मेलन में ‘‘पुतिन को आमंत्रित करने की दिशा में काम कर रहा है।’
यूक्रेन के साथ युद्ध में दक्षिण अफ्रीका भी रूस का सहयोग कर रहा था। यह आरोप अमेरिकी सांसदों ने लगाया है। साथ ही अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने जो बाइडन प्रशासन से रूस का कथित सहयोग करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में मंगलवार को इस बारे में खबर प्रकाशित हुई है। सांसदों ने व्यापार पर एक महत्वपूर्ण बैठक को दक्षिण अफ्रीका से दूसरे देश स्थानांतरित करने के लिए भी कहा है। सांसदों ने कहा है कि रूस के लिए हथियारों समेत दक्षिण अफ्रीका की ‘‘सहायता’’ अफ्रीकी विकास और अवसर कानून (एजीओए) के तहत अमेरिका से व्यापार लाभ प्राप्त करने की पात्रता पर सवाल उठाती है।
एजीओए अमेरिकी संसद द्वारा पारित कानून है जो उप-सहारा अफ्रीकी देशों को उनके निर्यात के लिए अमेरिकी बाजार में कुछ शर्तों के साथ शुल्क-मुक्त पहुंच की अनुमति देता है। दक्षिण अफ्रीका सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्लेसन मोनीला ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सांसदों के पत्र का संज्ञान लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका को एजीओए बैठक की मेजबानी के लिए ‘‘अमेरिकी सरकार का समर्थन’’ बरकरार है। एजीओए के माध्यम से अमेरिका को दक्षिण अफ्रीका का निर्यात पिछले साल 3 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
अमेरिका का बड़ा व्यापारिक भागीदार है दक्षिण अफ्रीका
अमेरिका चीन के बाद दक्षिण अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। सांसदों के पत्र में कहा गया है कि नवंबर की एजीओए बैठक को दूसरे देश में ले जाने से ‘‘एक स्पष्ट और महत्वपूर्ण संदेश जाएगा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है और हमारे व्यापारिक भागीदारों द्वारा रूस को आक्रमण के लिए सहायता को स्वीकार नहीं करेगा।’’ पत्र में कहा गया कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार भले यह दावा करती है कि वह यूक्रेन युद्ध में तटस्थ है लेकिन उसने ‘‘पिछले एक साल में रूस के साथ अपने सैन्य संबंधों को गहरा किया है।’’ यह पत्र नौ जून को लिखा गया था और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन को भेजा गया था। इस पत्र पर डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों दलों के सांसदों के हस्ताक्षर हैं। अमेरिका की चिंताएं पिछले महीने तब सामने आईं जब दक्षिण अफ्रीका में अमेरिकी राजदूत रूबेन ब्रिगेटी ने प्रिटोरिया में संवाददाता सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका पर रूस को एक मालवाहक जहाज में हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया।
दक्षिण अफ्रीका ने आरोपों को नकारा
दक्षिण अफ्रीका ने आरोप से इनकार किया है लेकिन रूसी ध्वज वाले ‘लेडी आर’ जहाज की यात्रा की जांच कर रहा है, जिससे रूसी सरकार के लिए कथित रूप से हथियारों की आपूर्ति की गई। दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने कहा कि वह सांसदों के पत्र को एक संकेत के रूप में देखती है कि दक्षिण अफ्रीका के साथ रूस के संबंधों पर वाशिंगटन का धैर्य ‘‘तेजी से कम हो रहा है।’’ दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि रूस को लेकर दक्षिण अफ्रीका पर औपचारिक प्रतिबंधों की कोई भी बात ‘‘बेतुकी’’ और ‘‘बेहद खतरनाक’’ है। ’
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