प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में प्रस्तावित अमेरिका यात्रा को लेकर आखिर पूरी दुनिया की निगाहें क्यों टिकी हैं, क्या भारत और अमेरिका अब संबंधों की एक ऐसी दहलीज पर पहुंचने वाले हैं, जिसके बारे में किसी देश द्वारा कल्पना कर पाना भी मुश्किल होगा, क्या भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती के नए अंकुर फूट रहे हैं, क्या अमेरिका नए भारत की ताकत को पहचान चुका और इसीलिए उसे अपना सबसे करीबी मित्र बनाना चाहता है, क्या पीएम मोदी के नेतृत्व का दुनिया में वाकई डंका बजने लगा है, जिससे अमेरिका जैसे देश भी भारत से गहरा रिश्ता रखने को बेताब हैं, क्या पीएम की जून में ह्वाइट हाउस की यात्रा से पहले भारत और अमेरिका में कुछ बड़ी डील होने वाली है?...इत्यादि ऐसे तमाम सवाल हैं, जो फिलहाल भविष्य के गर्त में हैं। मगर इतना जरूर है कि अमेरिका ने पीएम मोदी को राजकीय यात्रा पर निमंत्रण भेजकर पूरी दुनिया को नए भारत की ताकत का एहसास करा दिया है।
पीएम मोदी की 22 जून को प्रस्तावित अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत के अपने समकक्ष से मुलाकात करने के लिए अगले सप्ताह नयी दिल्ली आ रहे हैं। पेंटागन की इस घोषणा से दुनिया के कई देश हैरान हैं। हैरानी की वजह साफ है कि जब पीएम मोदी अगले ही महीने अमेरिका जाने वाले हैं तो उससे ठीक पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन आखिरर के आनन-फानन में अपने रक्षामंत्री को दिल्ली भेज रहे हैं? ...चीन जैसे देश सोच रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच आखिर ऐसा क्या चल रहा है, दोनों देश मिलकर आखिर क्या करने वाले हैं और अपने द्विपक्षीय संबंधों को आखिर किस मुकाम तक ले जाना चाहते हैं?...खैर यह बात तो सिर्फ मोदी और बाइडेन को ही पता होगी, लेकिन इतना तो जरूर है कि पीएम मोदी के दौरे से पहले अमेरिकी रक्षामंत्री का औचक भारत दौरा दुनिया को हतप्रभ कर रहा है।
भारत के साथ इन देशों की भी यात्रा करेंगे अमेरिकी रक्षामंत्री
पेंटागन ने बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री की अगले सप्ताह विदेश यात्रा का ऐलान किया है। अमेरिकी रक्षामंत्री भारत दौरे के साथ ही साथ जापान और सिंगापुर व फ्रांस भी जाएंगे। ऑस्टिन नई दिल्ली में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा भागीदारी को मजबूत करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं के साथ अहम वार्ता करेंगे। ऑस्टिन की यह वार्ता राष्ट्रपति जो बाइडेने के निर्देशों के अनुसार होगी। पेंटागन के अनुसार यह यात्रा नए रक्षा नवाचार और औद्योगिक सहयोग की शुरुआत है। अमेरिकी और भारतीय सेनाओं के बीच परिचालन सहयोग का विस्तार में दोनों देश अब और तेजी लाना चाहते हैं। अमेरिका का टार्गेट दक्षिण-चीन सागर के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को सबक सिखाना है। इसलिए भारत के साथ अमेरिकी रक्षामंत्री जापान भी जा रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों का एक नया इतिहास दुनिया देखेगी।
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