Russia Ukraine News: यूक्रेन पर रूस के हमले को लगभग 6 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। जहां रूस की कार्रवाई के बाद यूक्रेन के कई शहरों का बुरा हाल है, वहीं रूसी सेना को भी इस जंग में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यूक्रेन के साथ कुछ पश्चिमी देशों के अलावा अमेरिका भी डटकर खड़ा है और उसे बराबर हथियारों की सप्लाई कर रहा है। इन सबके बीच अमेरिका ने शुक्रवार को पहली बार कहा कि वह रूस से लोहा लेने के लिए यूक्रेन को ‘स्कैन ईगल’ सर्विलांस ड्रोन, बारुदी सुरंग रोधी वाहन, बख्तरबंद रोधी शस्त्र और होवित्जर हथियार (Howitzer Weapons) देगा।
यूक्रेन को मिलेंगे 15 स्कैन ईगल सर्विलांस ड्रोन
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 77.5 करोड़ डॉलर के नए सहायता पैकेज में 15 स्कैन ईगल ड्रोन (Scan Eagle Surveillance Drones), 40 बारुदी सुरंग रोधी, हमले से बचाने वाले वाहन (Mine-Resistant Vehicles) और 2,000 बख्तरबंद रोधी शस्त्र (Anti-Armor Rounds) शामिल हैं जिससे यूक्रेनी सेना को दक्षिण तथा पूर्व में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। इन इलाकों में रूसी सेना ने बारूदी सुरंगे बिछाई हैं और वहां बगैर तैयारी के आगे बढ़ना यूक्रेन के सैनिकों के लिए घातक साबित हो सकता है।
Image Source : U.S. Navy photoA Scan Eagle Unmanned Aerial Vehicle.
यूक्रेन को और मदद देने पर विचार कर रहा अमेरिका
डिफेंस ऑफिसर ने बताया कि अमेरिका युद्ध के लंबे वक्त तक चलने पर यूक्रेनी सेना को भविष्य के लिए मदद करने पर विचार कर रहा है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा, ‘इन क्षमताओं को युद्ध क्षेत्र में निर्णायक बढ़त हासिल करने और वार्ता की मेज पर यूक्रेन की स्थिति मजबूत करने के लिए बहुत सावधानीपूर्वक व्यवस्थित किया गया है।’ इन नई मदद को मिलाकर यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता बढ़कर करीब 10.6 अरब डॉलर हो गयी है। यह अगस्त 2021 से 19वीं बार है जब पेंटागन ने यूक्रेन को सैन्य उपकरण उपलब्ध कराए हैं।
Image Source : United States MarineA ScanEagle in its catapult launcher.
अमेरिका ने यूक्रेन को पहले भी दिए हैं कई हथियार
बता दें कि अमेरिका ने पहले भी होवित्जर हथियार मुहैया कराए हैं लेकिन यह पहली बार है जब वह 16 होवित्जर हथियार भेजेगा। इस सहायता पैकेज में 1,500 टैंक रोधी मिसाइलें, 1,000 जैवलिन मिसाइलें और कई हाई स्पीड और रडार की पकड़ में न आने वाली मिसाइलें शामिल हैं। माना जा रहा है कि पश्चिमी देशों से मिल रही मदद के चलते ही यूक्रेनी सैनिक अभी तक जंग के मैदान में टिके हुए हैं और अपने से कहीं ताकतवर रूसी सेना से मुकाबला कर पा रहे हैं।
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