वॉशिंगटन: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने वॉशिंगटन में छोटे-से यूरोपीय देश के दूतावास को एक अप्रत्याशित यानी लड़ाई में शामिल होने की इच्छा रखने वाले अमेरिकियों को भर्ती करने की भूमिका दे दी है। दूतावास से बाहर जॉर्जटाउन के एक हिस्से में काम कर रहे राजनयिकों को यूक्रेन के लिए लड़ने के लिए स्वयंसेवकों के प्रस्ताव मिल रहे हैं। यूक्रेन के दूतावास से जुड़े सैन्य विशेषज्ञ (मिलिट्री अताशे) मेजर जनरल बोरिस क्रेमेनेत्स्की ने कहा, ‘उन्हें वाकई लगता है कि यह युद्ध अनुचित, बिना उकसावे वाला है। उन्हें लगता है कि उन्हें जाना होगा और मदद करनी होगी।’
‘ये आतंकवादी नहीं हैं जो पैसा कमाने आ रहे हैं’
अमेरिका के ये स्वयंसेवी यूक्रेन के लिए लड़ने की इच्छा रखने वाले विदेशियों के एक छोटे-से समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिर भी यह सोशल मीडिया के इस दौर में हमले और इसमें आम नागरिकों की मौत के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों की नाराजगी और जुनून को परिलक्षित करता है। क्रेमेनेत्स्की ने कहा, ‘ये आतंकवादी नहीं हैं जो पैसा कमाने आ रहे हैं। यह अच्छे लोग हैं जो आजादी की लड़ाई के लिए यूक्रेन की मदद करने आ रहे हैं।’
‘कम से कम 6,000 लोगों ने सेवा देने के बारे में पूछताछ की’
हालांकि, अमेरिकी सरकार अपने नागरिकों को यूक्रेन में जाकर लड़ने के लिए प्रेरित नहीं करती है क्योंकि इससे कानूनी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पैदा होते हैं। यूक्रेन के सैन्य अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन पर हमले के बाद 24 फरवरी से ही वॉशिंगटन में दूतावास में कम से कम 6,000 लोगों ने सेवा देने के बारे में पूछताछ की है। इनमें से बड़ी संख्या अमेरिकी नागरिकों की है। उन्होंने बताया कि इनमें से आधे स्वयंसेवकों को जल्द ही खारिज कर दिया गया क्योंकि उनके पास आवश्यक सैन्य अनुभव नहीं था।
‘अभी तक करीब 100 अमेरिकी नागरिकों को भर्ती किया गया’
यूक्रेन के सैन्य अधिकारी ने बताया कि अभी तक करीब 100 अमेरिकी नागरिकों को भर्ती किया गया है इनमें इराक और अफगानिस्तान में युद्ध का अनुभव रखने वाले पूर्व सैन्यकर्मी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने लोगों से युद्ध में शामिल न होने का आग्रह करते हुए कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कितने अमेरिकी नागरिक असल में यूक्रेन पहुंच गए हैं।
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