"यह युग युद्ध का नहीं है" कहकर युग प्रवर्तक बन गए पीएम मोदी, ह्वाइट हाउस ने फिर की तारीफ
America convinced of PM Modi @ G-20: इंडोनेशिया के बाली में 15 और 16 नवंबर को हुआ दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में भी विश्व के मानस पटल पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी ही छाये रहे। इसके पीछे उज्बेकिस्तान के शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति पुतिन से "यह युग युद्ध का नहीं है" कहने का साहस दिखाना है।
America convinced of PM Modi @ G-20: इंडोनेशिया के बाली में 15 और 16 नवंबर को हुआ दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में भी विश्व के मानस पटल पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी ही छाये रहे। पीएम मोदी के दुनिया में बढ़ते जलवे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने ढूंढ़कर पीएम मोदी से हाथ मिलाया। फिर मुस्कुराए और उनकी पीठ थपथपाई। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मौक्रों से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक व जापान के पीएम फुमियो किशिदा समेत अन्य वैश्विक नेताओं ने भी मोदी की से न सिर्फ मुलाकात की, बल्कि उनसे मिलने के बाद हिंदी में ट्वीट कर भारत से अपना अटूट रिश्ता भी जाहिर किया। इसके पीछे सितंबर में उज्बेकिस्तान के शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से "यह युग युद्ध का नहीं है" कहने का साहस दिखाने को बढ़ी वजह माना जा रहा है। साथ ही वैश्विक मामलों पर दिशा दिखाते पीएम मोदी के हर एक विजन की दुनिया कायल हो चुकी है।
इसीलिए जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद अमेरिका ने स्वयं पीएम मोदी के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की है। साथ ही जी-20 में इंडोनेशिया के साथ भारत और पीएम मोदी की भूमिका की भूरि-भूरि सराहना की है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को बकायदा इसके लिए एक आधिकारिक बयान जारी करके कहा कि इंडोनेशिया में हाल में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन की बाली घोषणापत्र संबंधी बातचीत में भारत ने अहम भूमिका निभाई। उसने यह कहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की कि "आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।" व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन ज्यां पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत ने शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र संबंधी बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए। यह पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दे रहा है। इसके लिए सिर्फ पीएम मोदी ने ही साहस दिखाया। यह दुनिया की भलाई के लिए है।
पीएम मोदी के कायल हो गए हैं जो बाइडन
अमेरिका के ह्वाइट हाउस की ओर से भारत और पीएम मोदी के लिए यह तारीफ ऐसे समय आई है, जब पीएम मोदी ने पूरे विश्व का ध्यान दुनिया पर मंडराते खाद्य और ऊर्जा संकट की ओर दिला रहे हैं। साथ ही वह विश्व भर को युद्ध से तौबा करने की नसीहत भी दे रहे हैं। तीसरे विश्व युद्ध के साये से पीएम मोदी पूरी दुनिया को बाहर लाने का प्रयास करने वाले एक मात्र नेता साबित हुए हैं। इसीलिए पूरी दुनिया उन्हें युग प्रवर्तक के रूप में देख रही है। बात चाहे यूक्रेन युद्ध की हो, अफगानिस्तान में आतंकी तालिबान के शासन की हो, वैश्विक आतंकवाद की हो, कार्बन उत्सर्जन की हो या खाद्य और ऊर्जा संकट दूर करने के सुझावों की हो...हर मुद्दे को पीएम मोदी ही विश्व के मानस पटल पर प्रमुखता से उठा रहे हैं। पीएम मोदी एक तरह से ग्लोबल लीडर की भूमिका में हैं। वह विश्व का ध्यान कभी युद्ध से उभरने वाले संकट तो कभी जलवायु परिवर्तन से होने वाले दुनिया के खतरे और कभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाली गिरावट की ओर दिलाते हैं। इसीलिए अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन उनके बड़े कायल बन गए हैं।
ह्वाइट हाउस ने ऐसी की सराहना
ह्वाइट हाउस की सचिव कैरेन ज्यां पियरे ने कहाकि, ‘‘हमारे पास अन्य प्राथमिकताओं के बीच एक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए वर्तमान खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों को दूर करने का एक रास्ता है।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बृहस्पतिवार को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटे। भारत दिसंबर में जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। समूह के सभी सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कहना है कि भारत की अध्यक्षता जी-20 के इतिहास में महत्वपूर्ण साबित होगी। पियरे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के संबंध इस नतीजे के लिए महत्वपूर्ण थे और हम भारत की अगले साल जी-20 अध्यक्षता के दौरान सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। हम अगली बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि बाइडन ने शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से बात की। पीएम मोदी ने "यह युग युद्ध का नहीं है" कहकर पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दिया है।