नयी दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट (UN Covid Report) में कहा गया है कि भारत में अप्रैल और जून 2021 के बीच कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की घातक लहर में 2,40,000 लोगों की मौत हो गई थी। इसकी वजह से आर्थिक सुधार बाधित हुआ था और निकट समय में भी इसी तरह के हालात उत्पन्न हो सकते हैं। चेताते हुए संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (WESP) 2022 रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण की नयी लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था। निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं।' संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अवर महासचिव लियु जेनमिन ने कहा, 'कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और निरंतर वैश्विक दृष्टिकोण के बिना यह महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के समावेशी और स्थायी उभार के लिये सबसे बड़ी जोखिम बनी रहेगी।'
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच EU विशेषज्ञों ने कहा है कि यह प्रसार कोविड महामारी को एनडेमिक (सामान्य और नियमित बीमारी) की तरफ ले जा रहा है। इस बीच अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. फॉसी ने कहा कि संक्रमितों की रिकॉर्ड संख्या के बावजूद देश कोरोना के साथ रहने की दहलीज पर पहुंच गया है, जहां कोविड-19 संभालने योग्य बीमारी होगी।
यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के टीका रणनीति प्रमुख मार्को केवलेरी ने कहा, "कोई नहीं जानता है कि हम कोविड रूपी इस सुरंग के अंतिम छोर पर कब होंगे, लेकिन हम वहां होंगे। उन्होंने कहा कि आम आबादी में इम्युनिटी में वृद्धि और ओमिक्रॉन के साथ बहुत सारी प्राकृतिक इम्युनिटी हासिल होगी। हम तेजी से ऐसी दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं जो कि एनडेमिसिटी के करीब होगी। हालांकि अभी यह अपने चरम पर है और इससे सावधानी जरूरी है।"
इनपुट- भाषा
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