रूस और यूक्रेन आठ महीने से भी ज्यादा वक्त से जंग लड़ रहे हैं। यूक्रेन इस युद्ध में लगभग पूरी तरह तबाह हो गया है। हालांकि वो अब भी रूस की ताकतवर सेना के सामने टिका हुआ है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है उसे अमेरिका समेत पश्चिमी देशों से मिलने वाला समर्थन है। ये देश यूक्रेन को घातक हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं। जिनकी मदद से वह रूस को मुहंतोड़ जवाब दे पा रहा है। इस बीच रूस को लेकर ये खबर बार-बार आ रही है कि उसके पास हथियारों की कमी पड़ गई है, जिसके चलते वह अब दूसरे देशों की मदद ले रहा है। हाल में ही ईरान के ड्रोन का मामला काफी चर्चा में रहा। वहीं अब खबर आई है कि रूस इस युद्ध में उत्तर कोरिया की मदद ले रहा है।
अमेरिका ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर कोरिया “बड़ी संख्या” में तोप के गोलों की आपूर्ति रूस को कर रहा है, जिससे उसे यूक्रेन के खिलाफ जंग में मदद मिले। ‘नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल’ के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया “यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उन्हें मध्य पूर्व या उत्तरी अफ्रीका के देशों में भेजा जा रहा है।” उन्होंने रूसी प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए भेजे जा रहे गोला-बारूद की मात्रा पर एक विशिष्ट अनुमान देने से इनकार कर दिया है।
खेप की जानकारी जुटाने के लिए निगरानी
किर्बी ने कहा कि उत्तर कोरिया रूस को “गुप्त रूप से” गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन “हम अभी यह निर्धारित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं कि शिपमेंट (खेप) वास्तव में प्राप्त हुई है या नहीं।” पश्चिमी देशों के यूक्रेन की सेना को युद्ध सामग्री की पुन: आपूर्ति के प्रयासों का उल्लेख करते हुए किर्बी ने जोर देकर कहा कि उत्तर कोरिया की खेप से “युद्ध का रुख नहीं बदलने जा रहा है।” अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने यह स्पष्ट नहीं किया कि परिवहन का साधन क्या है और अमेरिका या अन्य राष्ट्र रूस को भेजी जा रही खेप में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेंगे या नहीं।
क्यों आगबबूला हुआ बैठा है उत्तर कोरिया?
फिलहाल उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों के चलते खबरों में बना हुआ है। उसने एक दिन पहले बुधवार को 23 मिसाइल दागी हैं। जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल हैं। इनमें से एक मिसाइल दक्षिण कोरिया के जलक्षेत्र के पास जाकर गिरी है। जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी तीन मिसाइल दाग दीं। जिसके बाद उत्तर कोरिया ने एक और मिसाइल दागी, जो जापान के ऊपर से होकर गुजरी है। उत्तर कोरिया का कहना है कि वह मिसाइल दागकर दक्षिण कोरिया और अमेरिका को चेतावनी दे रहे हैं। ये दोनों ही देश काफी समय से संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। जिसे उत्तर कोरिया खुद पर होने वाले हमले का युद्धाभ्यास बता रहा है।
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