NASA Mars: मंगल ग्रह पर मिली चाऊमीन जैसी चीज, आखिर क्या है ये? नासा ने सुलझाया लाल ग्रह का बड़ा रहस्य
NASA Mars: जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
Highlights
- मंगल ग्रह पर दिखी चाऊमीन जैसी चीज
- नासा ने सुलझाई लाल ग्रह से जुड़ी गुत्थी
- वैज्ञानिक ने बताया ये चीज क्या हो सकती है
NASA Mars: मंगल हमारे सोलर सिस्टम का सबसे जरूरी ग्रह है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इसपर कई तरह के मिशन शुरू कर चुकी है। इसलिए जब भी लाल ग्रह पर कुछ नया मिलता है, तो वह एक बड़ी बात बन जाती है। कुछ दिन पहले मंगल ग्रह से एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक चाऊमीन या यूं कहें कि धागे जैसी दिखने वाली चीज नजर आ रही है। कुछ लोग इसे घास कह रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह चाऊमीन है। लेकिन अभी तक ये साफतौर पर पता नहीं चल सका है कि ये चीज आखिर क्या है। लेकिन शायद नासा को इसका जवाब मिल गया है।
दरअसल जब भी धरसी से मंगल पर कोई एयरक्राफ्ट भेजा जाता है, तब वह पैराशूट से लैंड होता है। इस दौरान सतह से उसके टकराने के बाद ढेर सारा कचरा उत्पन्न हो जाता है। इससे पूरी लैंडिंग साइट की कई बार गंदी हो जाती है। नासा ने हाल में ही ऐसी एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें मंगल पर पैराशूट के टुकड़े दिखाई दे रहे थे और ग्रह की सतह पर एयरक्राफ्ट खड़ा दिखाई दे रहा था।
नासा ने पहचानी धागे जैसी दिखने वाली चीज
नासा के वैज्ञानिक जस्टिम माकी ने मंगल को लेकर अपने ब्लॉग में लिखा है कि अंतरिक्ष अभियान के दौरान कचरा उत्पन्न होना एक आम बात है। नासा का मानना है कि धागे जैसी दिखने वाली चीज नेट का एक टुकड़ा है, जिसे डैकरन नेटिंग कहा जाता है। डेकरन नेटिंग का इस्तेमाल अंतरिक्षयान के थर्मल ब्लैंकेट्स में किया जाता है। थर्मल ब्लैंकेट का इस्तेमाल अंतरिक्षयान को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए किया जाता है। जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
माकी का कहना है कि लैंडिंग गियर के क्रैश के कारण ऐसा हो सकता है कि नेट छोटे टुकड़ों में टूट गया हो और मजबूत बल के कारण एक बॉल जैसा बन गया हो। शायद फिर वह उड़कर यहां तक आ गया हो और हवा की वजह से इधर उधर उड़ रहा हो। नासा का परसिवरेंस रोवर मंगल पर प्राचीन जीवन के सबूत जुटा रहा है। रोवर ने अब तक पत्थरों के कई सैंपल एकत्रित कर लिए हैं। अब नासा उन्हें धरती पर लाने की योजना बना रहा है।
जेम्स वेब ने दुर्लभ गैलेक्सी का पता लगाया
इससे पहले अंतरिक्ष से जुड़ी एक खबर ये आई थी कि नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक दुर्लभ गैलेक्सी का पता लगाया है। टेलीस्कोप से ली गई तस्वीरों में एक कार्टव्हील गैलेक्सी यानी कि रिंग गैलेक्सी नजर आ रही है। जो पृथ्वी से 500 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। ये गैलेक्सी एक बड़ी स्पाइरल गैलेक्सी और एक छोटी स्पाइरल गैकेक्सी के टकराने से बनी है। जब कभी भी गैलेक्सी आपस में टकराती हैं, तब उनका आकार बदल जाता है। फिर बाद में इन्हीं स्पाइरल गैलेक्सी का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
ये कार्टव्हील गैलेक्सी दिखने में बिलकुल घोड़ा गाड़ी के पहिए की तरह लग रही है। इसके आसपास एक रंगीन पहिया और बीच में एक चमकदार रिंग है। हालांकि टक्कर के चलते दोनों एक दूसरे से दूर हो गए। इन खूबियों से ही वैज्ञानिकों ने कार्टव्हील गैलेक्सी को रिंग गैलेक्सी बताया है। ये गैलेक्सी स्पाइरल गैलेक्सी की तुलना में दुर्लभ होती हैं। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की क्षमताओं ने खगोलविदों को नई उम्मीद दिखाई है। उन्हें पता चल पा रहा है कि कैसे गैलेक्सी के भीतर अलग-अलग सितारे और ब्लैक होल बनते हैं।