DART Mission: नासा का डार्ट मिशन सफल, अंतरिक्ष में जो काम करने पहुंचा था स्पेसक्राफ्ट वो हुआ पूरा, क्या हासिल हुआ?
NASA DART Mission: नासा के डार्ट मिशन को सफलता मिल गई है। उसका अंतरिक्ष यान एक उल्कापिंड से टकराया था और उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा है।
Highlights
- नासा का डार्ट मिशन हुआ सफल
- उल्कापिंड की कक्षा में किया बदलाव
- उल्कापिंड से टकराया था अंतरिक्ष यान
NASA DART Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक हानिरहित उल्कापिंड से टकराया और इस दौरान उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा। यह जानकारी एजेंसी ने ‘सेव द वर्ल्ड’ परीक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए दी है। पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले घातक उल्कापिंडों की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने अपने तरह का यह पहला प्रयोग दो सप्ताह पहले किया था। इसे उसने डार्ट मिशन नाम दिया। ‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) के अंतरिक्षयान ने इरादतन डाइमॉरफोस नाम के उल्कापिंड को 26 सितंबर को टक्कर मारी थी।
नासा ने बताया कि उसके द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान डार्ट ने डाइमॉरफोस नामक उल्कापिंड से टकराकर उसमें एक गड्ढा बनाया जिसकी वजह से उससे मलबा अंतरिक्ष में फैल गया और धूमकेतु की तरह हजारों मील लंबी धूल और मलबे की रेखा बन गई। एजेंसी ने बताया कि यान के असर को आंकने के लिए दूरबीन से कई दिनों तक निगरानी की गई ताकि पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस उल्कापिंड के रास्ते में कितना बदलाव हुआ है।
चक्कर लगाने में 10 मिनट की कमी
यान के टकराने से पहले यह उल्कापिंड मूल उल्कापिंड का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लेता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्होंने इसमें 10 मिनट की कमी की लेकिन नासा के प्रशासन बिल नेल्सन का मानना है कि यह कमी 32 मिनट की है। गौरतलब है कि वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था और यह करीब 1.10 करोड़ किलोमीटर दूर 22,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उल्कापिंड से टकराया है।
हाल में ही इस मिशन से जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया था। जिसमें पता चला है कि स्पेसक्राफ्ट जिस उल्कापिंड से टकराया था, उसे टुकड़े 10 हजार किलोमीटर तक फैल गए हैं। इटली के एक टेलीस्कोप द्वारा ली गई एक नई तस्वीर से पता चला है कि नासा के ‘डार्ट’ अंतरिक्ष यान द्वारा इरादतन टक्कर मारकर जिस उल्कापिंड को तोड़ा गया था, उसका मलबा हजारों किलोमीटर के दायरे में फैला है। नई तस्वीरों में धूल के निशान दिखाई देते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस समय यह तस्वीरें ली गई थीं, उस समय डिडिमोस की पृथ्वी से दूरी टक्कर के बिंदु से कम से कम 10,000 किलोमीटर के बराबर होगी।
लोवेल वेधशाला के टैडी कारेटा ने कहा, “यह अद्भुत है कि हम टक्कर के बाद के दिनों में संरचना और उसकी सीमाओं की इतनी स्पष्ट तस्वीरें लेने में सक्षम थे।” डार्ट मिशन के दो दिन बाद SOAR टेलीस्कोप द्वारा ली गई इस तस्वीर में डाइमॉरफोस की 10,000 किलोमीटर लंबी मलबे की ये लाइन देखी जा सकती है।
इस मिशन से क्या फायदा होगा?
अभी तक नासा ने नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स यानी धरती के पास की 8000 से अधिक चीजों का पता लगाया है। वर्तमान में कोई भी उल्कापिंड पृथ्वी के लिए सीधे तौर पर खतरा नहीं है, लेकिन नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स में 27,000 से अधिक उल्कापिंड सभी आकारों में मौजूद हैं। इस मिशन का फायदा ये होगा कि अगर भविष्य में किसी उल्कापिंड के धरती से टकराने की आशंका होती है, तो वक्त रहते उसकी दिशा को बदला जा सकेगा। नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स वो उल्कापिंड और धूमकेतु होते हैं, जो पृथ्वी के 30 मिलियन मील (48.3 मिलियन किलोमीटर) के दायरे में होते हैं।
नासा और दुनिया की बाकी अंतरिक्ष एजेंसियों का सबसे अधिक ध्यान उन नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स पर है, जो धरती के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। डिडिमोस उल्कापिंड का व्यास करीब 2560 फीट (780 मीटर) है, जिसके चारों ओर चक्कर लगाता हुआ एक छोटा चंद्रमा जैसा पत्थर है, जिसे डाइमॉरफोस कहा जाता है, अंतरिक्षयान इसी से टकराया है। इसका व्यास 525 फीट (160 मीटर) है। यानी नासा ने इस छोटे चंद्रमा जैसे पत्थर को निशाना बनाया है। जो बाद में डिडिमोस से टकराया। अब धरती पर मौजूद टेलीस्कोप से इन दोनों की गति में होने वाले बदलाव का अध्ययन किया जाएगा।
LICIACube से की गई है रिकॉर्डिंग
एस्ट्रोनॉमर्स ने दो दशक पहले डिडिमोस की खोज की थी। डार्ट अंतरिक्षयान की टक्कर की रिकॉर्डिंग लाइट इटैलियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉइड्स यानी LICIACube से की गई। यह इटली की अंतरिक्ष एजेंसी की सैटेलाइट है। इसे अंतरिक्षयान से तैनात किया गया। जो यात्रा कर अंतरिक्षयान के पीछे तक गई, ताकि वहां क्या हो रहा है, इसकी रिकॉर्डिंग कर सके। ऑप्टिकल नेविगेशन के लिए डीमोस रिकॉनिसेंस एंड एस्टेरॉयड कैमरा की मदद ली गई, जिसने अंतरिक्षयान को गाइड किया कि किस तरह छोटे से चंद्रमा से टकराना है।
घटना के दौरान की तस्वीरें प्रति एक सेकंड की दर से धरती पर भेजी गईं। डाइमॉरफोस से टकराने के दौरान अंतरिक्षयान की गति लगभग 13,421 मील प्रति घंटा (21,600 किलोमीटर प्रति घंटा) थी। डार्ट अंतरिक्षयान से ये भी पहली बार पता चला कि डाइमॉरफोस कैसा दिखता है। टीम पीछे छोड़े गए इमपैक्ट क्रेटर के बारे में और जानने के लिए उत्सुक है, जिसका आकार लगभग 33 से 65 फीट (10 से 20 मीटर) होने का अनुमान है। यहां तक कि क्रेटर में अंतरिक्षयान के टुकड़े भी हो सकते हैं। यहां इमपैक्ट क्रेटर का मतलब उल्कापिंड की किसी चीज टक्कर होने के बाद वहां बनने वाले गड्ढे से है।
प्रभाव के तीन मिनट बाद क्यूबसैट ने तस्वीरें और वीडियो लेने के लिए डाइमॉरफोस से उड़ान भरी। इसकी तस्वीरें आने वाले दिनों या हफ्तों में जारी की जाएंगी। डाइमॉरफोस को इस मिशन के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि इसका आकार उन उल्कापिंड के जैसा है, जो पृथ्वी के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। अंतरिक्षयान डाइमॉरफोस से लगभग 100 गुना छोटा है, इसलिए इसने उल्कापिंड को खत्म नहीं किया। अगर डार्ट डाइमॉरफोस को मारने से चूक गया होता, तो अंतरिक्षयान को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर दिया जाता, जिससे दो साल बाद इसकी दोबारा टक्कर कराई जाती।