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जानिए सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स हादी मतार ने अब क्या किया?

सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स के पास मौका था कि वो अपनी सजा कम करवा सकता था। रुश्दी पर हमला करने वाले शख्स का नाम हादी मतार है। हादी मतार ने एक समझौते से इनकार कर दिया है।

Salman Rushdie Attack- India TV Hindi Image Source : FILE AP Salman Rushdie Attack

न्यूयॉर्क: मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने के आरोपी शख्स ने उस समझौते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है जिसके तहत उसकी सजा कम हो सकती थी। मामले में अगर आरोपी आतंकवाद से जुड़े आरोपों को स्वीकार कर लेता तो उसकी सजा कम हो जाती। आरोपी के वकील ने इस बारे में जानकारी दी है। हादी मतार ने 2022 में सलमान रुश्दी पर हमला किया था जिसके बाद से वह हिरासत में है।

हादी मतार को मिलती इतनी सजा 

मतार पर सलमान रुश्दी पर चाकू से 12 से अधिक बार वार करने का आरोप है। पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में व्याख्यान देते वक्त आरोपी मतार ने रुश्दी पर हमला कर दिया था। मतार के वकील नाथानियल बैरोन ने न्यूयॉर्क के मेविले में मंगलवार को आरोपी के समझौते से इनकार किए जाने की पुष्टि की। इस समझौते के तहत मतार चौटाउक्वा काउंटी में खुद को हत्या के प्रयास के लिए दोषी मान लेता, जिसके बदले में उसे 25 वर्ष की सजा ना होकर अधिकतम 20 वर्ष की कैद की सजा दी जाती। 

क्यों हुआ हमला

सलमान रुश्दी ने उपन्यास 'द सैटेनिक वर्सेस' लिखा और यही वजह थी कि उनपर हमला हुआ। रुश्दी ने 1989 में यह उपन्यास लिखा था। इस उपन्यास के बाद ईरान के एक बड़े नेता ने ईशनिंदा के लिए रुश्दी की हत्या करने का फतवा जारी किया था, जिसके बाद सलमान रुश्दी को कई वर्षों तक छिपकर रहना पड़ा था। 33 साल के बाद 2022 में 24 साल का एक नौजवान इस तरह की हरकत करेगा यह किसी ने सोचा भी नहीं था। न्यूजर्सी के फेयरव्यू में रहने वाला हादी मतार उपन्यास के पब्लिश होने और फतवा जारी करने के वक्त पैदा तक नहीं हुआ था, फिर भी उसने इस तरह का हमला कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। 

मतार को ईरान ने दिया इनाम

बता दें कि, सलमान रुश्दी पर अमेरिका में हमला करने वाले हादी मातर को ईरान के एक फाउंडेशन ने इनाम भी दिया था। इस फाउंडेशन की ओर से कहा गया था कि वो मातर को एक हजार स्क्वायर मीटर खेती की जमीन दे रहे हैं। खास बात यह है कि इसका ऐलान ईरान के सरकारी टीवी पर किया गया था। फाउंडेशन ने यह भी कहा थी कि रुश्दी अब जिंदा लाश से कम नहीं रहा। (एपी)

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