सुर्य के सबसे नजदीकी ग्रह बुध को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। अब तक माना जाता था कि सुर्य के सबसे करीब होने के कारण बुध ग्रह पर भीषण गर्मी होगी जिस कारण यहां जीवन संभव नहीं होगा। हालांकि, अब नासा ने दावा किया है कि बुध ग्रह पर जीवन की संभावना हो सकती है। नासा का ये दावा उसकी हाल ही में की गई एक बड़ी खोज पर आधारित है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला।
नमक वाले ग्लेशियर मिले
नासा के सोलर सिस्टम वर्किंग के तहत बुध के बारे में अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ग्रह के ध्रुवीय क्षेत्रों में नमक से बने ग्लेशियरों के अस्तित्व के सबूत मिले हैं। उन्होंने दावा किया है कि ये ग्लेशियर जीवन को बनाए रख सकते हैं। ये ग्लेशियर ध्रुवीय क्षेत्रों के नीचे कई मील तक मौजूद हो सकते हैं, जिनमें रहने योग्य स्थान हो सकते हैं। ये पृथ्वी के वातावरण से मिलता-जुलता है।
क्या फायदा होगा?
यदि वैज्ञानिकों की ये ग्लेशियरों की खोज सच हो जाती है तो खगोल विज्ञान, ब्रह्मांड में जीवन के अध्ययन में एक नई सीमा खुल सकती है। इससे ये संकेत भी मिलेगी कि सौर मंडल के चरम वातावरण में जीवन मौजूद हो सकता है। यह आकाशगंगा में खोजे जा रहे बुध जैसे ग्रहों को भी संभावित रूप से रहने योग्य बनाता है। अब तक यही माना जाता था कि सूरज के काफी पास होने के कारण यहां जीवन मुश्किल है।
पृथ्वी से अलग हैं ग्लेशियर
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि बुध पर मौजूद माने जाने वाले ग्लेशियर पृथ्वी जैसे नहीं हैं। ऐसा माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति नमक के प्रवाह से हुई है और यह बुध की सतह के काफी नीचे से आते हैं। ऐसे ग्लेशियर्स केवल क्षुद्रग्रह के हमलों से ही प्रकट होते हैं। बता दें कि, पृथ्वी पर नमक के कंपाउंड मृत क्षेत्रों (डेड जोन) में रहने योग्य स्थान बना सकते हैं।
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