खालिस्तान समर्थक अमेरिका से लेकर कनाडा और लंदन तक भारतीय दूतावासों को लगातार निशाना बना रहे हैं। मगर खालिस्तानियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इस बार खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की वारदात को अंजाम दिया है। अमेरिकी सरकार ने इस हमले की निंदा की है। साथ ही मामले की जांच फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ) को सौंप दी है। वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानियों द्वारा किए गए इस हमले पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए निंदा की है।
वाणिज्य दूतावास में आगजनी की इस घटना पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ट्वीट कर घटना की निंदा की है। उन्होंने कहाकि अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। अमेरिका में विदेशी राजनयिकों के खिलाफ बर्बरता या हिंसा एक अपराध है। घटना 2 जुलाई की रात डेढ़ बजे की है, जब दो खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास आगजनी कर दी। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार आगजनी से नुकसान ज़्यादा नहीं हुआ है और कोई भी कर्मचारी घायल नहीं हुआ है।
एसफजे के आतंकियों ने दिया वारदात को अंजाम
भारतीय वाणिज्य दूतावास पर इस घटना को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के 8 जुलाई से विदेश में बने भारतीय दूतावासों को घेरने के ऐलान के अगले ही दिन की गई। यह 6 महीने में दूसरी बार खालिस्तान समर्थकों का भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला है। हमले के बाद भारतीय संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग द्वारा आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। कोई बड़ी क्षति या कर्मचारियों को नुकसान नहीं पहुंचा है। स्थानीय, राज्य और संघीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने हिंसा की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
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