वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने कहा कि उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने एक बार उनसे कहा था कि वह QUAD को चीन के खिलाफ मजबूत कर रहे हैं। चीन का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद है और वह क्वाड गठबंधन का उसके गठन के बाद से ही जोरदार विरोध कर रहा है।
बायडेन ने सिएटल स्थित एक निजी आवास पर डेमोक्रेटिक पार्टी के वास्ते धन एकत्रित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैंने शी जिनपिंग को संकेत दिया था कि मैं क्वाड (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका) के बीच सहयोग बढ़ा रहा हूं। इस पर उन्होंने कहा कि आप केवल वह कर रहे हैं जो हमें प्रभावित करता है लेकिन मैंने कहा था, ऐसा नहीं है।’ बायडेन ने कहा कि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि ‘क्वाड इसलिए है, क्योंकि हम उन लोगों को एकसाथ रखने की कोशिश कर रहे हैं जिनके पास हिंद-प्रशांत में एकसाथ काम करने का एक अवसर है।’
बायडेन ने कहा, ‘भारत समेत अन्य देशों की अपनी-अपनी समस्याएं हैं, लेकिन तानाशाह जिस बात से सबसे ज्यादा डरते हैं, वह यह धारणा है कि हम एकसाथ मिलकर काम कर सकते हैं और उनके खिलाफ काम कर सकते हैं जो वास्तव में निरंकुश हैं।’ उन्होंने कहा कि केवल चीन और रूस की बात नहीं हो रही, बल्कि निरंकुश देशों में अन्य देश भी हैं। फरवरी में, चीन ने क्वाड गठबंधन को चीन के उदय को रोकने और अमेरिकी आधिपत्य को बनाए रखने का ‘उपकरण/जरिया’ करार दिया था।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने फरवरी में बीजिंग में कहा था, ‘चीन का मानना है कि अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा मिलकर बनाया गया तथाकथित क्वाड समूह अमेरिकी आधिपत्य बनाए रखने के लिए चीन को घेरने का एक उपकरण है। इसका उद्देश्य टकराव को भड़काना और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करना है।’ कार्यक्रम के दौरान बायडेन ने कहा कि जब वह निर्वाचित हुए तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोचा कि वह आसानी से उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) को तोड़ने में सक्षम होंगे।
बायडेन ने कहा, ‘यह शुरुआत से ही उनके उद्देश्य का एक हिस्सा था और मैं जानता हूं कि मैं यह आठ साल से कह रहा हूं। हालांकि विडंबना है कि उन्हें वही मिला जो वह नहीं चाहते थे। वह यूरोप पर प्रभाव जमाना चाहते थे। इसके बजाय, फिनलैंड ने कहा कि वह नाटो में शामिल होना चाहता है और स्वीडन भी नाटो में शामिल होना चाहता है। उनके कदम से इनकी इच्छा के विपरीत परिणाम सामने आ रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इससे सब कुछ आसान हो जाता है। लेकिन मुद्दा यह है कि हमारे सामने ऐसी परिस्थिति है जिसमें यूक्रेनी लोग अविश्वसनीय रूप से बहादुर हैं, वे अविश्वसनीय रूप से प्रतिबद्ध हैं, न केवल प्रशिक्षित सेना बल्कि सड़कों पर उतरे लोग भी।’
बायडेन ने कहा, ‘वे पुतिन के इस सिद्धांत का झुठला रहे हैं कि चूंकि उनकी स्लाव पृष्ठभूमि है और उनमें से कई रूसी बोलते हैं, वहां उनका खुले दिल से स्वागत किया जाएगा। लेकिन ठीक इसके विपरीत हुआ है।’ नवंबर 2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के वास्ते लंबे समय से लंबित प्रस्ताव के तहत क्वाड को आकार दिया।
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