हमास के आतंकी हमले का बदला लेने के लिए इजरायली सेना द्वारा गाजा पर किए जा रहे भीषण पलटवार से दुनिया भर के कट्टर मुसलमानों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। विभिन्न देशों में वह इजरायली हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही दुनिया भर में फैले यहूदियों को निशाना बना रहे हैं। कई यहूदियों पर अलग-अलग देशों में हमला भी किया जा चुका है। अमेरिका में बसे यहूदी भी इस खतरे से बच नहीं सके हैं। मगर अब अमेरिका में रहने वाले यहूदियों को निशाना बनाना आसान नहीं होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशानस ने यहूदियों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है।
अमेरिका सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों से कहा कि बाइडन प्रशासन ने राष्ट्रीय खतरे की प्राथमिकता में घृणा अपराध को भी शामिल किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए धर्म-आधारित 60 फीसदी हमलों में यहूदी समुदाय को निशाना बनाया गया। अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई के दौरान एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने सांसदों से कहा कि एफबीआई आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्य बल, घृणा अपराध जांच और खुफिया जानकारी साझा करने सहित कानून प्रवर्तन प्रयासों की एक श्रृंखला के माध्यम से घृणा अपराधों से निपट रही है।
यहूदी विरोधियों से निपटने के लिए 56 संयुक्त कार्यबल तैनात
उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद रोधी 56 संयुक्त कार्य बलों के माध्यम से घृणा अपराधों से निपट रहे हैं। हमने घृणा अपराधों को राष्ट्रीय खतरे की प्राथमिकता में शामिल किया है। हमने राष्ट्रीय स्तर पर संगठनों और यहूदी समुदाय से संपर्क स्थापित किया है।’’ रे ने कहा कि इस तरह का संपर्क स्थापित करने में उन्होंने भी व्यक्तिगत रूप से कई बार हिस्सा लिया है और एफबीआई का प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय भी ऐसा ही करता है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका की आबादी में 2.4 फीसदी यहूदी समुदाय के लोग हैं। धर्म-आधारित घृणा अपराधों में देखा गया है कि 60 फीसदी मामलों में इसी समुदाय को निशाना बनाया गया। ऐसे में यह हर किसी के लिए परेशानी की बात है और इस समुदाय को हमारी जरूरत है।’ (भाषा)
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