वाशिंगटन: आज यानी 20 जुलाई का दिन दुनियाभर में इंटरनेशनल मून डे के रूप में मनाया जा रहा है। दरअसल चंद्रमा पर मानव जाति के पड़े पहले कदमों की याद में इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील ऑर्मस्ट्रॉन्ग और बज ऑल्ड्रिन के कदम पहली बार 20 जुलाई 1969 पर चांद पर पड़े थे। इन लोगों को यूएस अंतरिक्ष एजेंसी अपोलो 11 लूनर मिशन के तहत वहां भेजा गया था।
इस दिन को मनाए जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा की 9 दिसंबर 2021 में हुई बैठक में हुई थी। इस दिन को हर साल 20 जुलाई को ही मनाया जाता है।
क्या है इतिहास?
1961 में, राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने दशक के अंत से पहले चंद्रमा पर एक आदमी को उतारने का साहसिक लक्ष्य रखा। नासा के अपोलो कार्यक्रम का जन्म हुआ, और वर्षों के गहन शोध, विकास और परीक्षण के बाद, अपोलो 11 मिशन 16 जुलाई, 1969 को लॉन्च किया गया था।
चार दिन बाद, आर्मस्ट्रॉन्ग और बज आल्ड्रिन चंद्र सतह पर पैर रखने वाले पहले इंसान बन गए। इस दौरान उन्होंने जो घोषणा की, वह काफी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा था कि यह मनुष्य के लिए एक छोटा कदम है, मानव जाति के लिए एक बड़ी छलांग है।
अपोलो 11 मिशन ने भविष्य के अंतरिक्ष रिसर्च का मार्ग प्रशस्त किया, नई पीढ़ियों को एसटीईएम क्षेत्रों में करियर बनाने और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और पर्यावरण विज्ञान में प्रगति के लिए प्रेरित किया। आखिर में ये कहा जा सकता है कि इंटरनेशनल मून डे मानव उपलब्धि और वैज्ञानिक प्रगति का उत्सव है।
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