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हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भारत के विस्तार को मिला अमेरिका का साथ, चीन की बढ़ी टेंशन

US with India in the Indian Pacific Ocean:दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा भारत, टेक्नॉलोजी में दुनिया के टॉप देशों से कदमताल कर रहा भारत और डिफेंस में दुनिया की बड़ी ताकतों को चुनौती दे रहे भारत की जरूरतें भी अब बढ़ी हैं।

जो बाइडन(अमेरिका के राष्ट्रपति)- India TV Hindi Image Source : PTI जो बाइडन(अमेरिका के राष्ट्रपति)

US with India in the Indian Pacific Ocean:दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा भारत, टेक्नॉलोजी में दुनिया के टॉप देशों से कदमताल कर रहा भारत और डिफेंस में दुनिया की बड़ी ताकतों को चुनौती दे रहे भारत की जरूरतें भी अब बढ़ी हैं। आर्थिक और सामनरिक दोनों ही दृष्टि से भारत को अब अपनी समुद्री सीमा बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है। दुनिया की करीब 18 फीसद आबादी को अकेले रखने वाले हिंदुस्तान का यह हक भी है।

भारत का अधिकतम व्यापार समुद्र के रास्ते होता है। ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत ने अपनी समुद्री सीमा को विस्तार देने का प्लान बनाया है। अपने समुद्री सीमा की रक्षा करना भी भारत का दायित्व है। इसलिए वह अन्य देशों के साथ मिलकर समुद्री व्यापार के रास्ते में अपनी सैन्य चौकियां भी स्थापित कर रहा है। जैसा कि फिलीपींस के साथ किया है। अब भारत के इस कदम के साथ अमेरिका भी खड़ा हो गया है। इससे चीन की टेंशन होने लगी है।

जो बाइडन ने भारत की मदद का दिया आश्वासन
अमेरिका सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में “व्यापक व स्थिर भूमिका” निभाने में भारत की मदद करेगा। पेंटागन के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी। जनवरी 2021 में सत्ता संभालने के बाद से बाइडन प्रशासन ने भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने शनिवार को कहा कि “भारत तेजी से रक्षा आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहा है। मेरा मानना है कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और उसकी इस भूमिका को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी व्यापक रूप दिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हम भारत के साथ ऐसी साझेदारी करें, ताकि वह इस क्षेत्र में व्यापक व स्थिर भूमिका निभा सके।

भारत और अमेरिका की सेनाएं मिलकर चुनौतियों से निपटेंगी
अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, “हम अमेरिकी और भारतीय सेना के बीच अंतर-संचालन प्रकिया को आगे बढ़ाने के तरीकों पर काफी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैं यहां जिस पहल की बात कर रहा हूं, वह सेना के तीनों अंगों के बीच अभ्यास को लेकर है।” उन्होंने कहा, “हमारे विचार से इसके जरिये दोनों देशों की सेनाएं भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगी। इसके लिए दोनों पक्षों की संयुक्त प्रतिक्रिया की आवश्यकता होगी।” हालांकि, वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने यह बताने से परहेज किया कि दोनों देश अपनी साझा चुनौतियों का जवाब कैसे देंगे। अतीत में कई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत और अमेरिका की सेनाओं ने राहत एवं बचाव कार्यों में आपस में समन्वय किया है।

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