भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान, रच दिया इतिहास
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। विलियम्स एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुई हैं।
ह्यूस्टन: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुई हैं। इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ कई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के ‘केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन’ से रवाना हुआ। विलियम्स ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा।
कब होगी वापसी
विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है। यान बृहस्पतिवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा। दोनों अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगे और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के वास्ते स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे।
सुनीता विलियम्स के पास है अनुभव
नासा ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है। उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी।
सुनीता की पहली यात्रा
पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन 14/15 के दौरान विलियम्स ने नौ दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ उड़ान भरी थी और 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंची। पहली अंतरिक्ष यात्रा में उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 29 घंटे और 17 मिनट की चार बार चहलकदमी करने के साथ महिलाओं के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में कुल पांच बार चहलकदमी कर 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
सुनीता की दूसरी यात्रा
एक्स्पीडिशन 32/33 में विलियम्स ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी की फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उस वक्त विलियम्स ने प्रयोगशाला की परिक्रमा करते हुए अनुसंधान और अन्वेषण में चार महीने का वक्त बिताया था। वह अंतरिक्ष में 127 दिन का वक्त बिताने के बाद 18 नवंबर 2012 को कजाखस्तान पहुंची थीं। अपने अभियान के दौरान विलियम्स और होशिदे ने तीन बार अंतरिक्ष की चहलकदमी की और स्टेशन के रेडिएटर से अमोनिया के रिसाव को ठीक किया। अंतरिक्ष में 50 घंटे और 40 मिनट की चहलकदमी के साथ विलियम्स ने एक बार फिर किसी महिला अंतिरक्ष यात्री का अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक चहलकदमी करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।
यह भी जानें
विलियम्स का जन्म ओहायो के यूक्लिड में भारतीय-अमेरिकी न्यूरोएनाटॉमिस्ट दीपक पांड्या और स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलिन बोनी पांड्या के घर हुआ था। उन्होंने यूएस नेवल एकेडमी से भौतिक विज्ञान की डिग्री ली और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की है।
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