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अमेरिका में हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए डॉक्टर ने 32 करोड़ रुपये देने का वादा किया

डॉक्टर मिहिर मेघानी ने करीब 2 दशक पहले अपने दोस्तों के साथ मिलकर अमेरिका में 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' और वह अब तक इस फाउंडेशन को 15 लाख डॉलर का योगदान दे चुके हैं।

Mihir Meghani, Mihir Meghani News, Mihir Meghani Latest, US Doctor- India TV Hindi Image Source : FILE डॉक्टर मिहिर मेघानी 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' के संस्थापकों में से हैं।

फ्रेमॉन्ट: भारतीय मूल के एक अमेरिकी डॉक्टर ने अमेरिका में हिंदू धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए 40 लाख डॉलर (32 करोड़ रुपये से ज्यादा) देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि हिंदू सिर्फ एक धर्म ही नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। इमरजेंसी केयर डॉक्टर मिहिर मेघानी ने 2 दशक पहले अपने दोस्तों के साथ 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' की स्थापना की थी। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में सालाना सिलिकॉन वैली समारोह में अगले 8 वर्षों में हिंदू हित के लिए 15 लाख डॉलर प्रदान करने का वादा किया था। इसके साथ ही हिंदू हित के उद्देश्य से वह 2 दशक में 40 लाख डॉलर प्रदान करेंगे।

‘मैं वेतन पर काम करने वाला एक इमरजेंसी डॉक्टर हूं’
डॉक्टर मेघानी ने बताया,‘मेरी पत्नी तन्वी और मैंने, अब तक 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' को 15 लाख डॉलर का योगदान दिया है। हमने पिछले 15 वर्षों में अन्य हिंदू और भारतीय संगठनों को इस उद्देश्यों के लिए 10 लाख डॉलर से भी अधिक का योगदान दिया है। अगले 8 वर्षों में हम भारत समर्थक और हिंदू संगठनों को 15 लाख डॉलर देने का संकल्प ले रहे हैं। मेरी कोई स्टार्टअप कंपनी नहीं है, मेरा कोई साइड बिजनेस नहीं है, मैं वेतन पर एक आपातकालीन डॉक्टर हूं। मेरी पत्नी एक फिटनेस प्रशिक्षक और आभूषण डिजाइनर हैं। हम प्रतिवर्ष लाखों डॉलर नहीं कमा रहे हैं। हमारे पास शेयर के विकल्प नहीं है।’ 

‘हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह हमारा धर्म है’
हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए इतनी बड़ी रकम देने के पीछे के उद्देश्य को बताते हुए डॉक्टर मेघानी ने कहा, ‘हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह हमारा धर्म है, यह हमारा कर्तव्य है।’ एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ. मेघानी ने कहा कि अधिकतर अमेरिकी लोग हिंदू धर्म को आसानी से नहीं समझते हैं, क्योंकि यहां ज्यादातर लोग ईसाई हैं। उन्होंने कहा, ‘वे (अमेरिकी) अब्राहमिक बैकग्राउंड से आते हैं। जब वे अलग-अलग धर्मों को देखते हैं, तो वे यह नहीं समझ पाते कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं है, एक जीवन पद्धति है। यह जीवन के बारे में सोचने का एक तरीका है।’ (भाषा)

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