India Slams Pakistan-China: भारत ने चीन की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ''बेहद खेदजनक'' है कि दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को काली सूची में डालने के वास्तविक व साक्ष्य आधारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। भारत ने कहा कि इस तरह के ''दोहरे मानदंड'' ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्ववसनीयता को ‘सर्वकालिक निम्न स्तर' पर पहुंचा दिया है। उल्लेखनीय है कि इस साल जून में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित किया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को कहा कि आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के अनुरोध को बिना स्पष्टीकरण दिए लंबित रखने या बाधित करने की प्रवृत्ति खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ''प्रतिबंध समितियों के प्रभावी कामकाज के लिए उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और निष्पक्ष बनाने की आवश्यकता है। बिना किसी औचित्य के सूचीबद्ध अनुरोधों पर रोक लगाने और उन्हें बाधित करने की प्रवृत्ति समाप्त होनी चाहिए।” कंबोज ने कहा, ''यह 'बेहद खेदजनक' है कि दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को काली सूची में डालने के वास्तविक व साक्ष्य आधारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। इस तरह के 'दोहरे मानदंड' ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्ववसनीयता को ‘सर्वकालिक निम्न स्तर' पर पहुंचा दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि जब अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात आएगी तब सुरक्षा परिषद के सभी देश एक सुर में बोलेंगे।''
आतंकियों का सत्कार करते हैं पड़ोसी
अमेरिका ने मक्की को प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है। वह लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद का संबंधी है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कम्बोज ने कहा कि भारत को आपराधिक गिरोहों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा काली सूची में डाले जाने के बावजूद अपराधियों को पड़ोसी देश में ‘‘सरकारी अतिथि सत्कार’’ मिलने का अनुभव है। उनका इशारा डी कंपनी के प्रमुख दाऊद इब्राहिम की ओर था, ऐसा माना जाता है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है। वह कई अवैध धंधों में लिप्त है तथा 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी बन गया है।
चीन की अध्यक्षता में ‘‘आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरे’’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में कम्बोज ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच जो संबंध है उससे निपटने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि कम्बोज ने कहा, ‘‘आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंधों से निपटने की जरूरत है। भारत में, हमें आपराधिक गिरोहों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के तहत काली सूची में आने के बावजूद पड़ोसी देश में सरकारी आतिथ्य पाने का प्रत्यक्ष अनुभव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब आतंकवाद का खतरा प्रत्येक देश पर मंडरा रहा है तब ऐसे पाखंड से मिलकर लड़ने की आवश्यकता है।’’
पाकिस्तान ने अगस्त 2020 में पहली बार अपने देश में दाऊद की मौजूदगी की बात स्वीकार की थी। अमेरिका ने 2003 में दाऊद को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल किया था। भारत लगातार पाकिस्तान सरकार से दाऊद को उसे सौंपने के लिए कहता रहा है ताकि उस पर मुकदमा चलाया जा सके। ऐसी खबर हैं कि वह पाकिस्तान के कराची शहर में है।
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