India-Pakistan in UNGA: पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुंह की खानी पड़ी है। युनाइटेड नेशन जनरल असेंबली UNGA में जब पाकिस्तान ने फिर कश्मीर राग अलापा भारत ने करारा जवाब दिया है। वहीं दूसरी ओर UNGA में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर भारत ने एक बार फिर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और रूस से अपनी दोस्ती का फर्ज अदा किया है। जानिए पाकिस्तान को कश्मीर राग अलापने पर भारत ने कैसे जोरदार जवाब दिया है।
रूस-यूक्रेन जंग के संबंध में थी वोटिंग, पाक ने यहां भी दिखाई हरकत, मुंह की खाई
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जब एक बार फिर से पाकिस्तान ने कश्मीर राग अलापा तो उसके बाद भारत ने बुधवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में यूएनजीए में वोटिंग पर बहस के दौरान अपने स्पष्टीकरण में पाकिस्तानी राजनयिक मुनीर अकरम ने कश्मीर का मुद्दा उठाया।
इस मंच का दुरुपयोग कर रहा है पाकिस्तान, हमेशा बोलता है झूठ: रुचिरा कंबोज
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया और इसकी टिप्पणी को गैर जिम्मेदाराना बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कड़े शब्दों में कहा कि पाकिस्तान ने दो स्थितियों को एक ही जैसा दिखाने की कोशिश की है। हमने देखा है कि आश्चर्यजनक रूप से एक बार फिर एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने और मेरे देश के खिलाफ अनर्गल और व्यर्थ टिप्पणी करने की कोशिश की गई। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा झूठ बोलता है। उसका यह बयान सामूहिक अवमानना का पात्र है।
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा: भारत
उधर, रूस के खिलाफ यूएनजीए में फिर प्रस्ताव लाया गया। भारत ने इस वोटिंग से दूरी बनाए रखी। वोटिंग का हिस्सा न बनने पर भारत ने अपना पक्ष रखा। यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र हमेशा भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा… हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने की अपील करते हैं ताकि हमारे नागरिक अपने जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का आनंद ले सकें।’
प्रस्ताव के पक्ष में 143, विपक्ष में 5 देशों ने की वोटिंग
बता दें कि इससे पहले यूएनजीए यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूसी कब्जे की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 143 देशों ने वोट किया। वहीं पांच सदस्यों ने विरोध में वोट दिया। वहीं, भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग लेने से परहेज किया। यह प्रस्ताव रूस द्वारा सुरक्षा परिषद में इसी तरह के एक प्रस्ताव को वीटो करने के कुछ दिनों बाद आया है, उस प्रस्ताव से भी भारत ने परहेज किया था।
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