संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के खुले मंच पर भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है। यूएनएससी में कहा कि "यूक्रेन की स्थिति पर भारत लगातार चिंतित है। हमने हमेशा मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाले जा सकने की वकालत की है। भारत ने कहा कि शत्रुता और हिंसा का बढ़ना किसी के हित में नहीं है। इसलिए हमने आग्रह किया कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करने व बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर तत्काल वापसी के लिए सभी प्रयास किए जाएं।
भारत ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए उसका दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहेगा। हम वैश्विक दक्षिण में आर्थिक संकट का सामना कर रहे हमारे कुछ पड़ोसियों के साथ लगातार यूक्रेन को भी मानवीय और आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। भारत ने इससे पहले भी कई बार विभिन्न वैश्विक मंचों पर यूक्रेन युद्ध को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान निकालने की बात कही है। पीएम मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान के शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सामने कहा था कि ...यह युग युद्ध का नहीं है। ... पीएम मोदी के इस बयान की पूरे विश्व में सराहना हुई थी।
पीएम मोदी जेलेंस्की और पुतिन से शांति के लिए कई बार कर चुके फोने से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से युद्ध में शांति स्थापित करने के लिए कई दौर की फोनवार्ता भी कर चुके हैं। युद्ध के बाद से वह दोनों ही नेताओं से अलग-अलग स्थानों पर व्यक्तिगत रूप से भी मुलाकात कर चुके हैं। दोनों ही देशों को प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर आने का आग्रह किया था। जिसके बाद रूस ने बातचीत के लिए तैयार होने की बात भी कही थी। मगर बाद में यूक्रेन इससे पीछे हट गया। तब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश नहीं चाहते कि यूक्रेन युद्ध का अंत हो।
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