Robotic Surgery: रोबोटिक सर्जरी में भारत ने पूरी दुनिया में अपना डंका बजा दिया है। केएस इंटरनेशनल रोबोटिक सर्जरी इनोवेशन प्रतियोगोतिा में भारत को अमेरिका और स्पेन के साथ शीर्ष तीन देशों में रखा गया है। यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। चिकित्सा जगत में भी भारत अब दुनिया के साथ कदमताल कर रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय जूरी ने किया चयन
इस प्रतियोगिता में दुनिया भर के तमाम देश शामिल किए गए। विजेताओं का चयन एक अंतर्राष्ट्रीय जूरी फॉर्म ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयों और नई दिल्ली स्थित एम्स द्वारा यूरोलॉजी, स्त्री रोग, सामान्य सर्जरी, हेपाटो-पित्त-अग्नाशय सर्जरी, कोलोरेक्टल, सिर और गर्दन, बाल चिकित्सा और संयुक्त प्रतिस्थापन सर्जरी के क्षेत्र से किया गया था। मिशिगन स्थित रोबोटिक सर्जरी इवेंजलिस्ट वट्टीकुटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित अनूठी प्रतियोगिता में ओहियो में क्लीवलैंड क्लिनिक के यूरोलॉजी विभाग, डॉ जिहाद कौक की विजेता प्रविष्टि को 'सिंगल पोर्ट रोबोट-असिस्टेड किडनी ट्रांसप्लांटेशन एक्स्ट्रापेरिटोनियल अप्रोच' शीर्षक दिया गया।
रोबोटिक तकनीकि से किडनी ट्रांस प्लांट से मरीजों को दो दिन में छुट्टी
कौक और उनकी टीम ने वट्टीकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट और मेदांता मेडिसिटी में विकसित रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट की तकनीक को संशोधित किया। कौक ने वास्तव में न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी के लिए दा विंची सिंगल पोर्ट रोबोट का इस्तेमाल किया। फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, "इस तकनीक के जरिए रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज केवल 2 दिनों में घर जा सकते हैं।"
बेंगलुरु के डा. संदीप नायक को मिला पुरस्कार
'मिनिमली इनवेसिव नेक डिसेक्शन के लिए रोबोटिक इन्फ्राक्लेविकुलर अप्रोच' के लिए दूसरा पुरस्कार फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ संदीप नायक को मिला। डॉ. नायक ने सिर की गर्दन की बहुत बड़ी कैंसर सर्जरी करने के लिए एक रोबोटिक तकनीक का आविष्कार किया, ताकि रोगी के जल्दी ठीक होने और कम से कम परेशानी के साथ गर्दन में लिम्फ नोड्स को साफ किया जा सके।
वट्टिकुटी फाउंडेशन द्वारा 2015 से भारत में केएस नेशनल रोबोटिक सर्जरी वीडियो प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस साल, यह पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गया।वट्टीकुटी फाउंडेशन के अध्यक्ष राज वट्टीकुटी ने कहा, "चूंकि सर्जन रोबोटिक सर्जरी में नई प्रक्रियाओं का नवाचार करना जारी रखे हुए हैं, वट्टीकुटी फाउंडेशन निवेश करना जारी रखेगा और इसे अन्य सर्जनों के लिए सुलभ बना देगा।"
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