चीन को लगेगी मिर्ची, भारत और अमेरिका 'क्वाड' और मजबूत करने पर हुए सहमत
भारत और अमेरिका क्वाड को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने क्वाड आतंकवाद विरोधी कार्यों में प्रगति के लिए आपसी सहयोग को लेकर अपना संकल्प दोहराया है।
QUAD: दक्षिण चीन सागर और ताइवान पर चीन की दादागिरी और हिंद प्रशांत क्षेत्र में उसकी बढ़ती दखलंदाजी के बीच भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने मिलकर 'क्वाड' समूह बनाया है। इस समूह से चीन काफी चिढ़ता है। ऐसे में इस क्वाड संगठन को जब जब मजबूती देने के लिए होती है, चीन के होश उड़ जाते हैं। इसी बीच भारत और अमेरिका मिलकर 'क्वाड' संगठन की मजबूती के प्रति एक बार फिर गंभीर हुए हैं। दोनों देशों ने क्वाड को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस कारण चीन को काफी मिर्ची लगी है।
जानकारी के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करते हुए इस क्षेत्र में साझा सहयोग करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दोनों पक्षों ने विभिन्न आतंकवादी संस्थाओं या समूहों और व्यक्तियों से जुड़ी प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी शेयर की हैं।
अमेरिका और भारत ने इस क्षेत्र के भीतर साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक मुक्त समर्थ
"संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने क्षेत्र के भीतर साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड काउंटरटेररिज्म वर्किंग ग्रुप और अन्य बहुपक्षीय मंचों के साथ ही संयुक्त राष्ट्र, ग्लोबल काउंटरटेररिज्म फोरम और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स जैसे प्रक्रियाओं में सहयोग के लिए अपना संकल्प जताया है। अमेरिका और भारत के बीच यह चर्चा 5 मार्च को एक बैठक में हुई।
बैठक में लिए गए क्वाड से जुड़े कई निर्णय
वाशिंगटन डीसी में यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म जॉइंट वर्किंग ग्रुप और 6वें डेजिग्नेशन डायलॉग की 20वीं बैठक में हुई। राजदूत एलिजाबेथ रिचर्ड, अमेरिकी विदेश विभाग में आतंकवाद विरोधी समन्वयक और राजदूत केंद्रीय विदेश मंत्रालय में काउंटर टेररिज्म के संयुक्त सचिव के डी देवल ने अपने-अपने अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
इस साल भारत की मेजबानी में होगा क्वाड शिखर सम्मेलन
साल 2024 में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करने जा रहा है। इसे लेकर अमेरिकी सरकार काफी उत्साहित दिख रही है। अमेरिका का कहना है कि भारत की अध्यक्षता में भी क्वाड से जुड़े कार्यों की गति बरकरार रहेगी। क्वाड की सफलता सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं बल्कि भारत, जापना और आस्ट्रेलिया के लिए भी है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में साझा मजबूती 'क्वाड' का लक्ष्य
बता दें कि क्वाड समूह में 4 सदस्य देश हैं। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। अप्रत्यक्ष तौर पर इसे हिंद और प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते दबाव को कम करने और उसे हैंडल करने के लिए बनाया गया था। हालांकि क्वाड समूह के देश ऐसा सीधेतौर पर स्वीकार करने से बचते हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र हो, खुले हों और समृद्ध हों यही क्वाड का साझा दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि क्वाड से इंडो पैसिफिक क्षेत्र को लाभ मिल रहा है।