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Hindi News विदेश अमेरिका America to invest in oil & gas sector:भारत ने अमेरिका के लिए भी खोला तेल-गैस में निवेश का दरवाजा, जानें क्या पड़ेगा रूस पर प्रभाव

America to invest in oil & gas sector:भारत ने अमेरिका के लिए भी खोला तेल-गैस में निवेश का दरवाजा, जानें क्या पड़ेगा रूस पर प्रभाव

America to invest in oil & gas sector:इन दिनों भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत छवि के साथ उभरा है। दुनिया में पश्चिम से लेकर पूर्व तक और यूरोप से लेकर एशिया तक, अफ्रीका महाद्वीप से लेकर आस्ट्रेलिया महाद्वीप तक के सभी देशों के साथ उसके अच्छे संबंध हैं।

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Highlights

  • 50 से अधिक कंपनियों को तेल एवं गैस क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण
  • भारत है दुनिया का चौथा बड़ा तेल आयातक देश
  • वैश्विक ऊर्जा कंपनियों का नया स्थल बनने वाला है भारत

America to invest in oil & gas sector:इन दिनों भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत छवि के साथ उभरा है। दुनिया में पश्चिम से लेकर पूर्व तक और यूरोप से लेकर एशिया तक, अफ्रीका महाद्वीप से लेकर आस्ट्रेलिया महाद्वीप तक के सभी देशों के साथ उसके अच्छे संबंध हैं। भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति, मजबूत नेतृत्व और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के दम पर दुनिया में लगातार दबदबा बढ़ा रहा है। भारत की ईमानदार और लोकतांत्रिक प्रणाली दुनिया के देशों के अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इसी कड़ी में अब भारत ने अमेरिका को भी तेल और गैस के क्षेत्र में निवेश का आमंत्रण दिया है।

अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित निवेशक सम्मेलन में भारतीय ऊर्जा एवं पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश के लिए संभावित निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कारोबारी सुगमता, अनुकूल भूविज्ञान, खुली डेटा पहुंच तथा समर्थन देने वाली नीतियों की जानकारी दी गई। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत गठित हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने 28-29 सितंबर को इस दो-दिवसीय निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया था। इसे ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस दौरान मंत्रालय में सचिव पंकज जैन ने 50 से अधिक कंपनियों के संभावित निवेशकों, तेल एवं गैस कंपनियों, वित्तीय संस्थानों, निजी इक्विटी फर्मों, सेवा प्रदाताओं और अकादमिक क्षेत्र के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने भारत की ताकत और वैश्विक ऊर्जा परिवेश में उसकी भूमिका के बारे में चर्चा की और भारत को ऊर्जा अवसरों का स्थल बताया।

भारत दुनिया का चौथा बड़ा तेल आयातक
जैन ने कारोबारी सुगमता के बारे में बात करते हुए उद्योग के समक्ष आने वाले किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए नीतिगत कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने विदेशी एवं निजी निवेश के जरिये घरेलू स्तर पर तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा तेल आयातक है और भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत बढ़ने से मांग बढ़ना लाजिमी है।

वैश्विक ऊर्जा कंपनियों का नया स्थल बनने वाला है भारत
भारत वैश्विक ऊर्जा कंपनियों का नया स्थल बनना चाहता है। दुनियाभर के तेल उत्पादक भारत में पैरा जमाने को उत्सुक हैं क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के साथ मांग भी बढ़ने वाली है।’’ जैन ने कहा कि भारत सरकार की नीति पारदर्शी एवं उदार है और उसके कई कदमों की वजह से ही 2021-22 में भारत में 83.57 अरब डॉलर का सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। ऐसे में भविष्य में इसमें और बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा सकती है। भारत में निवेश सुरक्षित और फायदेमंद है। 

रूस से भी तेल और गैस लेता है भारत

भारत फिलहाल रूस से भी तेल और गैस को आयात करता है। अब अमेरिका को भी भारत में निवेश का आमंत्रण दिया है। ऐसे में भारत को दोनों तरह से फायदा होने वाला है। यदि अमेरिका निवेश करता है तो इससे भारत में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही तेल और गैस के दाम भी कंपटीशन में सस्ते होंगे। वहीं इससे पहले रूस भारत को सस्ते तेल और गैस का ऑफर दे सकता है। ताकि भारत में अमेरिका इस क्षेत्र में निवेश न करे।

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