Trump 2.0 पिछले कार्यकाल से कितना होगा अलग, दुनिया भर की टिकी निगाहें
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप दोबारा इस पद की शपथ लेने को तैयार हैं। वह 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। Trump 2.0 पिछले कार्यकाल से कितना अलग होगा। वह वैश्विक चुनौतियों के बीच किस तरह की नई पॉलिसी अपनाएंगे, इस पर दुनिया भर की निगाहें हैं।
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयारी कर रहे हैं। 20 जनवरी को वह दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप 2.0 का शासन उनके पिछले कार्यकाल से कितना अलग होगा? रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-गाजा संघर्ष, इजरायल-लेबनान संघर्ष और इजरायल-ईरान संघर्ष समेत मध्य-पूर्व और पश्चिम एशिया में छिड़े जंगी हालात के बीच क्या वह क्या रणनीति अपनाएंगे। यूक्रेन को हथियार सप्लाई और अन्य मदद को लेकर क्या अमेरिका की पॉलिसी बदलेगी, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर क्या ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल की तरह अक्रामक रवैया जारी रखेंगे?... इत्यादि तमाम मुद्दों पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं।
देश से लेकर विदेश तक के मामले में ट्रंप क्या बड़े बदलाव करने वाले हैं, इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही अपने देश में पहला बड़ा बदलाव करते हुए अपने अभियान की सह-प्रबंधक सुसान समरॉल विल्स को व्हाइट हाउस का नया चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया है। ट्रंप का यह फैसला नारी शक्ति को सम्मान देने के साथ उनके लंबे प्रशासनिक अनुभवों का फायदा भी उठाना है। "67 वर्षीय सुसान विल्स 2015 के रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल प्राइमरी के दौरान विल्स ट्रम्प से मिलीं और फ्लोरिडा अभियान की सह-अध्यक्ष बनी। वह 2 राष्ट्रपतियों की जीत की रणनीति बनाने का अनुभव रखती हैं।
भ्रष्ट अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाने का ऐलान
ट्रंप ने ह्वाइट हाउस से लेकर प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के सभी भ्रष्ट अफसरों को निकालने का ऐलान अभी से कर दिया है। इससे जाहिर है कि वह एक सख्त और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन चलाएं।
आव्रजन पॉलिसी
ट्रंप अपनी नई आव्रजन पॉलिसी के तहत बाहरियों को देश से बाहर निकालने का सबसे बड़ा अभियान चला सकते हैं। इससे अमेरिका में रहना, वहां का वीजा पाना और नौकरी करना या नागरिकता हासिल करना मुश्किल हो सकता है। ट्रंप की इस चपेट में 20 लाख से अधिक विदेशी आ सकते हैं। वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ भी सख्ती से निपटेंगे। साथ ही अधिक कर वसूलने वाले देशों से व्यापार सीमित कर सकते हैं। इस चपेट में भारत भी आ सकता है।
आतंक और युद्ध के खिलाफ
ट्रंप की रणनीति आतंकवाद और युद्ध के खिलाफ है। वह आतंकवाद को पोषित करने वाले देशों पर चाबुक चलाएंगे। साथ ही युद्धग्रस्त देशों के बीच शांति का रास्ता निकाल सकते हैं। ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य युद्धों को खत्म करवाने की प्रतिज्ञा ली है। इससे जाहिर है कि वह वैश्विक शांति, सुरक्षा और आतंकवाद मुक्त रणनीति पर फोकस करेंगे।
4 साल राष्ट्रपति पद संभालने का अनुभव
ट्रंप के लिए 2024 का कार्यकाल इसलिए भी अधिक प्रभावशाली हो सकता है कि अब उनके पास राष्ट्रपति का एक कार्यकाल पूरा करने का अनुभव है। जबकि 2016 में वह पहली बार राष्ट्रपति बने थे। अब दूसरी बार राष्ट्रपति बनने और पिछले 4 वर्षों तक मुख्य विपक्ष की भूमिका में रहने से उनका अनुभव हर क्षेत्र में कई गुना बढ़ गया है। अब वह अधिक खुले और सख्त फैसले लेने में सक्षम होंगे।