America News: अमेरिका के रॉबिंसविले, न्यूजर्सी में 2 अक्टूबर को बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम में एक भव्य और गरिमापूर्ण समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अमेरिका, कनाडा और भारत में जन्मे और पले बढ़े 30 युवाओं ने धर्म और मानवता के लिए नि:स्वार्थ सेवामय जीवन की शुरुआत की। आज अक्षरधाम मंदिर के निर्माता महंतस्वामीजी महाराज के करकमलों इन युवाओं ने त्यागाश्रम की दीक्षा लेकर उनके जीवन में असाधारण अध्याय को चिह्नित किया। जो अटूट विश्वास, एकता और भक्ति द्वारा निर्देशित मार्ग के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
30 युवाओं ने ली दीक्षा
दीक्षा दिवस उन 30 युवाओं की अदम्य भावना का प्रमाण है, जिन्होंने विश्वप्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और कंपनियों में अध्ययन और व्यवसायों के विभिन्न क्षेत्रों को अपनाया था। उनमें ऐसे युवा भी हैं, जो अपने माता पिता की एकमात्र संतान हैं, यह दर्शाता है कि उन्होंने और उनके परिवारों ने समाज और विश्व की व्यापक भलाई के लिए एक अनुपम बलिदान दिया है। माता और पिता ने प्रसन्न मन से दीक्षा की अनुमति देकर सनातन धर्म की बड़ी सेवा की है।
महंतस्वामीजी ने दिया आशीर्वाद
नवदीक्षित संतों पार्षदों से सीधे बात करते हुए महंतस्वामी महाराज ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि 'भगवान और समाज की सेवा करना आपके मन में दृढ़ था। आज नए जीवन का आरंभ है। गौरतलब है कि उसी दिन शाम को अक्षरधाम ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने के लिए 'मूल्यों और अहिंसा का उत्सव' नामक एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की मेजबानी की। पूरे उत्तरी अमेरिका से भक्त इस दौरान यहां एकत्र हुए थे।
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