भारतीय मूल के इस पायलट ने रचा इतिहास, कीर्तिमान रच बने पहले इंडियन स्पेस टूरिस्ट
भारतीय मूल के एक पायलट ने ब्लू ओरिजिन के एनएस-25 मिशन का हिस्सा बन इतिहास रच दिया है।
भारतीय मूल के साइंटिस्ट गोपी थोटाकुरा ने इतिहास रच दिया है। गोपी थोटाकुरा ने अमेज़ॅन के संस्थापक जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन के एनएस-25 मिशन के चालक दल के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले इंडियन स्पेस टूरिस्ट और दूसरे भारतीय बन गए। बता दें कि ब्लू ओरिजिन ने रविवार को अपनी 7वीं ह्यूमन स्पेस फ्लाइट और न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए 25वीं उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की।
आंध्र प्रदेश में हुआ था जन्म
ब्लू ओरिजिन की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया, इस चालक दल के पांच अन्य क्रू में एक आंध्र प्रदेश में जन्मे गोपी थोटाकुरा भी शामिल थे। गोपी थोटाकुरा के अलावा, एक्ट्रोनॉट क्रू में मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल. हेस, कैरोल स्कॉलर और पूर्व वायु सेना कैप्टन एड ड्वाइट शामिल थे, जिन्हें 1961 में राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी ने देश के पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना था, लेकिन उन्हें उड़ान भरने का अवसर मिला।
अब तक जा चुके हैं 37 लोग
जानकारी दे दें कि इसके अलावा, न्यू शेपर्ड अब तक 37 लोगों को स्पेस में भेज चुका है, जिसमें ये टीम भी शामिल है। न्यू शेपर्ड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट फिल जॉयस ने कहा, "लाइफ बदलने वाला एक्सपीरिएंस करने का मौका देने के लिए हमारे एस्ट्रोनॉट कस्टमर को बहुत-बहुत धन्यवाद।" जॉयस ने आगे कहा, "आपमें से हर बंदा पृथ्वी के फायदे के लिए स्पेस तक रास्ता बनाने के हमारे मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करने वाले अग्रणी हैं।"
'मैं विपरीत करने का मौका चाहता हूं'
पिछले महीने, एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में, थोटाकुरा ने फ्लाइंग करने के अपने सपने और जुनून के बारे में बात की थी और बताया था कि मिशन धरती मां की रक्षा के लिए कैसे काम कर रहा है। उन्होंने आगे स्पेस टूरिज्म के बारे में बात की और बताया कि यह कैसे लोगों के लिए रास्ते खोल सकता है और इसे किफायती और सुलभ बना सकता है।
अपनी भावनाओं को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था, "मैं अभी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता क्योंकि यह कुछ ऐसा है जो अर्बन डिक्शनरी में नहीं है। यह कुछ ऐसा है जिसे मैं अपने साथ ले जाता हूं। मैं हमेशा लोगों को यह बताता हूं कि जब आप पैदा होते हैं तब से लेकर जिस समय आप निकलते हैं, आप जागते हैं और आसमान देखना चाहते हैं, सांस लेना चाहते हैं, लेकिन मैं इसके विपरीत करने का मौका चाहता हूं, वहां ऊपर जाने और यहां नीचे देखने का अवसर मिलता है लेकिन जो नग्न आंखें देख सकती हैं, वह आपको स्वयं करना होगा। सारा उत्साह पीछे मुड़कर देखने का है कि क्या हो रहा है, बिना डाक्यूमेंटाइजेशन के या किसी और की नजर के बिना।"
'फॉर द बेनिफिट ऑफ अर्थ'
उन्होंने ब्लू ओरिजिन की टैगलाइन, 'फॉर द बेनिफिट ऑफ अर्थ' पर जोर दिया और कहा कि उन्हें यह भी लगता है कि धरती मां की रक्षा करना जरूरी है। उन्होंने कहा, "धरती मां की रक्षा के लिए ही वे ग्रह के बाहर जीवन और रोमांच तलाश कर रहे हैं।" इसके अलावा, हर एस्ट्रोनॉट ब्लू ओरिजिन के फाउंडेशन, क्लब फॉर द फ्यूचर की ओर से अंतरिक्ष में एक पोस्टकार्ड ले गया। क्लब का मिशन पृथ्वी के लाभ के लिए भावी पीढ़ियों को STEAM में करियर बनाने के लिए प्रेरित और प्रेरित करना है। इनसे पहले भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट विंग कमांडर राकेश शर्मा साल 1984 में अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे।
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