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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की चुनाव संबंधी जांच रोकने वाली याचिका

अमेरिकी के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंक को जॉर्जिया की सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ट्रंप की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उनके द्वारा चुनाव संबंधी जांच को रोकने की मांग की गई थी। कोर्ट के इस फैसले से ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

डोनॉल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति, अमेरिका- India TV Hindi Image Source : AP डोनॉल्ड ट्रंप, पूर्व राष्ट्रपति, अमेरिका

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जॉर्जिया की अदालत ने ट्रंप की चुनाव संबंधी जांच को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अभियोजक फानी विलिस को उनके खिलाफ आरोप दायर करने से रोकने के लिए याचिका दायर की थी। मगर कोर्ट ने उनके इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। मामला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव -2020 से जुड़ा है। कोर्ट ने संभावित चुनाव हस्तक्षेप के आरोप संबंधी जांच को रोकने की मांग करने वाली इस याचिका को खारिज करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया है।

सोमवार को जारी पांच पन्नों के फैसले में राज्य अदालत ने ट्रंप के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके संवैधानिक अधिकारों को कुचल दिया गया था। अदालत का यह विशेष रूप से एक त्वरित निर्णय था, जो ट्रंप की कानूनी टीम द्वारा फुल्टन काउंटी के जिला अटॉर्नी फानी विलिस को उनके खिलाफ आरोप दायर करने से रोकने के लिए शुक्रवार को याचिका दायर करने के तीन दिन बाद आया है। विलिस ने 2021 से ट्रंप पर उन आरोपों की जांच की है कि जिसमें उनके खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव परिणामों को पलटने की कोशिश का आरोप है। इसमें दिखाया गया था कि रिपब्लिकन सत्ताधारी राज्य में डेमोक्रेट जो बाइडेन से मामूली अंतर से हार रहे थे।

ट्रंप ने की थी जांच को रोकने और रिपोर्ट को रद्द करने की मांग

ट्रंप ने इन आरोपों के संबंध में विलिस द्वारा मुकदमा चलाने की क्षमता को सीमित करने के अलावा जांच को रोकने समेत विशेष ग्रैंड जूरी की उस रिपोर्ट को रद्द करने की भी मांग की गई है, जिसे अभी तक पूरी तरह से जारी नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार के अपने इस फैसले में ट्रंप की इन मांगों को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के नौ सदस्यीय पैनल ने लिखा, "याचिकाकर्ता ने यह नहीं दिखाया है कि वह उस राहत का हकदार होगा जो वह चाहता है।" अदालत ने कहा कि ट्रंप ने विलिस की अयोग्यता को साबित करने के लिए "दोनों में से कोई भी आवश्यक कानून के तथ्य" प्रस्तुत नहीं किए थे। ट्रंप ने याचिका में अपने अधिकारों का उल्लंघन होने की भी बात लिखी थी।

कोर्ट ने कहा- नहीं हुआ ट्रंप के अधिकारों का उल्लंघन
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि  "प्रतिवादी के संवैधानिक अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ और ग्रैंड जूरी प्रक्रिया में कोई संरचनात्मक दोष नहीं हुआ", जिससे ग्रैंड जूरी की रिपोर्ट को दबाने या खारिज करने का कोई आधार नहीं बचता। पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ कार्यवाही में तेजी तब आई, जब ट्रंप की कानूनी टीम ने राज्य में अपेक्षित कानूनी कार्यवाही को रोकने का प्रयास किया। विलिस ने पहले फुल्टन काउंटी के शेरिफ को लिखे एक पत्र में कहा था कि वह इस साल 11 जुलाई से 1 सितंबर के बीच किसी भी आरोप की घोषणा करेंगी। यह खुलासा इसलिए किया गया। ताकि शेरिफ को एक हाई-प्रोफाइल परीक्षण की सुरक्षा जरूरतों के लिए तैयारी करने का समय मिल सके। ट्रंप की कानूनी टीम ने कहा कि पत्र ने उनकी याचिका को विशेष रूप से "तत्काल" बना दिया है। हालांकि यह भी स्वीकार किया कि जॉर्जिया उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप का अनुरोध करना एक दूर की कौड़ी थी।

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