किसी चलते-फिरते टैंक से कम नहीं है जो बाइडेन की कार 'बीस्ट', मिसाइल हमले का भी नहीं होता है असर
जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीक्रेट सर्विस के हवाले है। वह भारत आ रहे हैं तो उनके साथ उनकी कार का काफिला भी साथ आ रहा है।
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन G20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं। उनके भारत आने से पहले अमेरिका से उनका सुरक्षा दस्ता और कारों का काफिला आ चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं, उनके साथ उनकी कार 'बीस्ट' अवश्य जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति इस कार के अलावा किसी अन्य कार में यात्रा नहीं कर सकते हैं। इससे पहले जब डोनाल्ड ट्रंप और बराक ओबामा भी भारत आये थे, तब भी बीस्ट कार भारत आई थी। बीस्ट को दुनिया की सबसे सुरक्षित और मजबूत कार भी कहा जाता है। इसे इसकी कई खासियतें सबसे आधुनिक और सुरक्षित कार बनाती हैं। आइए जानते हैं कि इस कार में ऐसी क्या खूबियां हैं-
यह कार एल्यूमिनियम और सेरिमिक धातु से बनाई जाती है। इस कार कि लम्बाई 18 फिट है, जोकि एक लिमोजिन कार है। इसे बनाने में 8 इंच मोटे मेटल का इस्तेमाल किया जाता है। इस कार की मजबूती का नदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस पर बम धमाके का भी असर नहीं होता है। मात्र 15 सेकेंड में यह कार शून्य से 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ़्तार पकड़ लेती है। इसे चलाने वाला ड्राइवर दुनिया के सबसे बेहतरीन कार ड्राइवरों में से एक होता है। इस कार को चलाने वाले ड्राइवर को तमाम टेस्ट और परीक्षणों से गुजरना होता है।
राष्ट्रपति को नहीं है शीशे खोलने तक की इजाजत
सुरक्षा के लिहाज से बीस्ट कार के शीशे 5 इंच मोटे होते हैं। इसके साथ ही जब राष्ट्रपति इस कार में बैठे होते हैं तब उन्हें भी इसके शीशे या दरवाजे खोलने की अनुमति नहीं होती है। इसके साथ ही इस कार में शॉटगन भी लगी होती है, जिसे ड्राइवर भी चला सकता है। कार कैमिकल, गोला-बारूद, गोली और मिसाइल हमले तक को झेलने में सक्षम है। कार में राष्ट्रपति के ब्लड ग्रुप वाला खून भी पर्याप्त मात्रा में रखा जाता है, जिससे किसी भी आपात स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।
कार का नंबर प्लेट भी बेहद ख़ास
इस कार का इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति करते हैं तो जाहिर सी बात है कि इसका नंबर प्लेट भी बेहद ही ख़ास होगा। चूंकि जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं तो इस कार पर '46' नंबर लिखा हुआ है। कार का केबिन पूरी तरह से साउंड प्रूफ है और ड्राइवर और रियर सीट के बीच में बाकायदा एक पार्टिशन है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति की आवाज ड्राइवर तक नहीं पहुंच सकती है। हालांकि बात करने के लिए माइक्रोफोन लगे हुए हैं।