प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद से ही दोनों देशों की दोस्ती लगातार गहरी होती जा रही है। अब भारत में चल रहा जी-20 सम्मेलन भी अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों का जरिया बन रहा है। जी-20 के दौरान भारत और अमेरिका के वित्त मंत्रियों ने अलग से बैठक कर द्विपक्षीय वार्ता की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सक्रियता से जी20 के एजेंडा को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। इसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समन्वित कार्रवाई और ऊर्जा बदलाव के वित्तपोषण के लिए वैकल्पिक तंत्र की संभावना तलाशना शामिल है। भारत और अमेरिका ने अब तकनीकी सहयोग और आपूर्ति श्रृंखला में आपसी सहयोग की प्रतिबद्धतता जताई है।
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक के दौरान अलग से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत देने की दिशा में कई अहम कदम उठाए। सीतारमण ने अपने बयान में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताते हुए वैकल्पिक निवेश मंचों के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा लिए नए अवसर तलाशने की बात कही। वहीं अमेरिका वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि अमेरिका और भारत का सहयोग कई आर्थिक मुद्दों को लेकर है।
सहयोग और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगे दोनों देश
भारत और अमेरिका दोनों देश वाणिज्यिक और तकनीकी सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को बढ़ावा देनाे में जुटे हैं। येलेन ने कहा, ‘‘विशेष रूप से हम पूंजी की कम लागत और भारत के ऊर्जा बदलाव को गति देने के लिए निजी निवेश बढ़ाने को एक निवेश मंच पर भारत के साथ काम करने के इच्छुक हैं।’’ अमेरिकी वित्त मंत्री ने ‘ऐतिहासिक दो-स्तंभ के वैश्विक कर करार’ को अंतिम रूप देने के मामले में भारत के प्रयास की सराहना की। येलेन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हम एक समझौते के काफी करीब हैं। आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और सहयोग में और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। (भाषा)
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