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संयुक्त राष्ट्र में जो बाइडेन का विदाई भाषण, भारत और चीन का किया खास जिक्र

अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में मंगलवार को अपना अंतिम विदाई भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका को दुनिया की मदद से पीछे नहीं हटना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन - India TV Hindi Image Source : PTI अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में मंगलवार को अपना आखिरी भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने मध्य पूर्व में जारी तनाव से लेकर भारत समेत दुनियाभर के देशों में हुए चुनावों का जिक्र किया। बाइडेन ने अपने भाषण में चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वह इंडो पैसिफिक में गठबंधन और साझेदारों को मजबूत करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दुनिया की मदद से पीछे नहीं हटना चाहिए। बाइडेन ने लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी तनाव के पूर्ण युद्ध में तब्दील होने के खतरे और गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के सैन्य अभियान के लगभग एक साल पूरे होने के बीच यह टिप्पणी की।

पश्चिम एशिया में संघर्ष खत्म करने की बात कही

बाइडेन ने अपने संबोधन में पश्चिम एशिया में संघर्ष खत्म करने और सूडान में 17 महीने से जारी गृहयुद्ध का अंत करने की आ‍वश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने फरवरी 2022 से रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों के पूर्ण समर्थन को रेखांकित किया। बाइडेन ने कहा, "मैंने इतिहास में एक उल्लेखनीय बदलाव देखा है। मैं जानता हूं कि आज जब कई लोग दुनिया को देखते हैं, तो उन्हें परेशानियां नजर आती हैं और वे निराशा के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करता। जब दुनिया एक साथ काम करती है, तो हम जितना सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।"

भारत समेत कई देशों में हुए चुनाव का जिक्र

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हमने घाना से लेकर भारत और दक्षिण कोरिया तक दुनिया भर के लोगों को शांतिपूर्वक अपना भविष्य चुनते देखा है। विश्व की एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले देश इस साल चुनाव करा रहे हैं।" अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में आखिरी बार संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की बैठक में कहा कि यह उल्लेखनीय है कि 1972 में अमेरिकी सीनेट के लिए पहली बार चुने जाने के बाद से यह लोगों की शक्ति ही है, जो भविष्य के बारे में मुझे अधिक आशावादी बनाती है। (इनपुट- भाषा)

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