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Hindi News विदेश अमेरिका Dragon's Eye: अंतरिक्ष में दिखी 'ड्रैगन की आंख', विज्ञान का चमत्कार, वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के बनाई गैलेक्सी की ये खूबसूरत तस्वीर, जानिए कैसे

Dragon's Eye: अंतरिक्ष में दिखी 'ड्रैगन की आंख', विज्ञान का चमत्कार, वैज्ञानिकों ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के बनाई गैलेक्सी की ये खूबसूरत तस्वीर, जानिए कैसे

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप हमें यूनिवर्स के कोने-कोने तक का सफर कर रहा है। उन जगहों का भी, जो इससे पहले हमने कभी नहीं देखी हैं। आपको बता दें ये तस्वीरें क्लिक होने के बाद आपको सीधे नहीं दिखाई जाती हैं।

Dragon's Eye in Space- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Dragon's Eye in Space

Highlights

  • NGC 628 गैलेक्सी को कैप्चर किया गया है
  • गैलेक्सी का केंद्र ड्रैगन की आंख जैसा लग रहा है
  • तस्वीरों को जेम्स वेब टेलीस्कोप के डाटा से बनाया गया

Dragon Eye in Space: जिस यूनिवर्स की महज हम कल्पना कर सकते थे, उसे अब हम अपने घर बैठे देख पा रहे हैं। ये सब टेलीस्कोप्स के जरिए संभव हो पा रहा है। इस मामले में नई क्रांति जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ला दी है। उसने हाल में ही अंतरिक्ष में क्लिक की गईं हमारी गैलेक्सी की जो तस्वीरें भेजीं, वो किसी चमत्कार से कम नहीं लग रही हैं। इससे पहले कई दशकों तक हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष से बेहद खूबसूरत तस्वीरें धरती पर भेजा करता था। जेम्स वेब टेलीस्कोप अब अंतरिक्ष में इंसानों की सबसे ताकवर आंख बन गया है। 

ये टेलीस्कोप हमें यूनिवर्स के कोने-कोने तक का सफर कर रहा है। उन जगहों का भी, जो इससे पहले हमने कभी नहीं देखी हैं। इसने काम बखूबी करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें ये तस्वीरें क्लिक होने के बाद आपको सीधे नहीं दिखाई जाती हैं। बल्कि वैज्ञानिक जेम्स वेब द्वारा कैप्चर किए गए अलग-अलग डाटा के सेट का इस्तेमाल करते हैं और बेहद दूर स्थित हमारी गैलेक्सी की तस्वीर बनाते हैं। ये तस्वीर भी हमारी गैलेक्सी की ही है। जो बैंगनी रंग की है। ये एक स्पाइरल गैलेक्सी है। जिसे ड्रैगन की आंख भी कहा जा रहा है।

कैसे बनाई जाती हैं अद्भुत तस्वीरें?

अब बात करते हैं, इस पूरे विज्ञान की। डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के गेब्रियल ब्रैमर ने JWST यानी जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किए गए डाटासेट को डाउनलोड किया। जहां हबल टेलीस्कोप ने विजिबल स्पेक्ट्रम में यूनिवर्स की तस्वीरों को कैप्चर करने पर ध्यान केंद्रित किया है, तो वहीं जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप मुख्य रूप से इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम में तस्वीरों को कैप्चर करता है। मानव आंखें स्वाभाविक रूप से इन्फ्रारेड लाइट को नहीं देख सकती हैं। अब इस तस्वीर को बनाने के लिए ब्रैमर ने इन्फ्रारेड का डाटासेट लिया और इसे विजिबल लाइट (लाल-हरी-नीली) में बदल दिया। 

इसके बाद उन्होंने तीनों तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया, जिससे ये खूबसूरत बैंगनी रंग की स्विर्ल तस्वीर बनी है। हालांकि ब्रैमर जेम्स वेब टेलीस्कोप की टीम में शामिल नहीं हैं। वहीं इस तस्वीर में जिस गैलेक्सी को कैप्चर किया गया है, उसका नाम NGC 628 है। यह दिखने में बैंगनी रंग की इसलिए लग रही है क्योंकि गैलेक्सी के धूल भरे बादलों में केमिकल का मिश्रण है। ब्रैमर का कहना है, अगर हमारी आंखें इन मिड-इन्फ्रारेड वेवलेंथ में देख सकतीं, तो रात का आकाश काफी हद तक इस तस्वीर की तरह दिखाई देता, जो मुझे लगता है कि शानदार होगा, शायद थोड़ा भयानक भी।' वहीं गैलेक्सी के केंद्र में देखकर ऐसा लग रहा है, मानो ड्रैगन हमारी तरफ देख रहा हो।

टेलीस्कोप को क्या चीज शानदार बनाती है

अंतरिक्ष आधारित टेलीस्कोप हमें प्रकाश की कुछ निश्चित श्रेणियों को देखने का मौका देती हैं, जो पृथ्वी के घने वातावरण से गुजरने में असमर्थ हैं। हबल स्पेस टेलीस्कोप को पराबैंगनी (यूवी) और विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के दृश्य, दोनों का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया था। जेडब्ल्यूएसटी को ‘इन्फ्रारेड लाइट’ की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक प्रमुख कारण है कि हबल की तुलना में जेडब्ल्यूएसटी समय को और पीछे देख सकता है। गामा किरणों से लेकर रेडियो तरंगों सहित विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम पर गैलेक्सी वेवलेंथ की एक श्रृंखला का उत्सर्जन करती हैं। ये सभी हमें गैलेक्सी में होने वाली विभिन्न भौतिकी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती हैं।

जब गैलेक्सी हमारे पास होती हैं तो हम इन वेवलेंथ की एक विस्तृत श्रृंखला की जांच कर सकते हैं कि उनके अंदर क्या हो रहा है। लेकिन जब गैलेक्सी बहुत दूर होती हैं, तो हमारे पास वह सुविधा नहीं रह जाती है। सबसे दूर की गैलेक्सी से प्रकाश, जैसा कि हम अभी देखते हैं, यूनिवर्स के विस्तार के कारण लाल तरंगदैर्ध्य तक फैला होता है। इसका मतलब है कि कुछ प्रकाश जो पहली बार उत्सर्जित होने पर हमारी आंखों को दिखाई दे रहा था, यूनिवर्स के विस्तार के रूप में उसकी ऊर्जा खो गई है। यह अब विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के एक पूरी तरह से अलग क्षेत्र में है। यह एक घटना है जिसे 'ब्रह्मांड संबंधी रेडशिफ्ट' कहा जाता है।

यहीं पर जेडब्ल्यूएसटी की विशेषताएं वास्तव में चमकती हैं। जेडब्ल्यूएसटी द्वारा पता लगाए जाने योग्य अवरक्त वेवलेंथ की विस्तृत श्रृंखला इसे गैलेक्सी को देखने देती है जो हबल कभी नहीं कर सकता था। जेडब्ल्यूएसटी के विशाल दर्पण और शानदार ‘पिक्सेल रिजॉल्यूशन’ के साथ आपके पास ज्ञात यूनिवर्स में सबसे शक्तिशाली टाइम मशीन है।

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