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डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में खत्म कर देंगे बर्थ राइट सिटीजनशिप, जानिए लाखों भारतीयों पर क्या होगा असर

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पद संभालने के बाद बड़ फैसला लेने वाले हैं। ट्रंप ने बर्थ राइट सिटीजनशिप समाप्त करने का वादा किया है। चलिए जानते हैं कि ट्रंप अगर इस तरह का फैसला लेते हैं तो इसका भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा।

Donald Trump- India TV Hindi Image Source : AP Donald Trump

वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना हे कि जन्म से मिलने वाली नागरिकता 'बेहूदा' है और 20 जनवरी को पदभार संभालने के बाद वह इसे खत्म करना चाहते हैं। अमेरिका में पैदा होने वाले हर बच्चे को अमेरिकी नागरिकता मिलने का अधिकार संविधान में 150 से ज्यादा वर्षों से है। ट्रंप ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि हमें इसे बदलना होगा, इसे समाप्त करना होगा। ऐसे में चलिए आपको अमेरका के बर्थ राइट सिटीजनशिप के बारे में, साथ ही यह भी बताते हैं कि इसके खत्म होने से भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा।

क्या है जन्म से मिलने वाली नागरिकता?

जन्म से मिलने वाली नागरिकता का मतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा हुआ कोई भी बच्चा अमेरिकी नागरिक बन जाता है। यह कानून अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले, अमेरिका में पर्यटक बनकर आए या छात्र वीजा पर गए सहित किसी के भी घर अमेरिका में पैदा हुए बच्चों पर लागू होता है। इसी का फायदा उठाकर छात्र वीजा या टूरिस्ट वीजा पर आए कई लोग अमेरिका में बच्चों को जन्म देते हैं, जिससे उनके बच्चे को वहां की नागरिकता मिल सके।

ट्रंप ने क्या कहा?

बर्थ राइट सिटीजनशिप के लेकर ट्रंप का कहना है कि ऐसा कानून हर देश में नहीं है। ट्रंप का कहना है कि इस कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है और अमेरिकी नागरिक बनने के लिए कठिन नियम होने चाहिए।एनबीसी के 'मीट द प्रेस' में रविवार को एक साक्षात्कार के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद बर्थ राइट सिटीजनशिपको रोकने की योजना बनाई है। हम इसे खत्म करने जा रहे हैं क्योंकि यह हास्यास्पद है।

Image Source : apDonald Trump

क्या है ट्रंप का विरोध

जन्म से मिलने वाली नागरिकता का अधिकार संविधान के 14वें संशोधन पर आधारित है। ऐसे में इसे खत्म करने के लिए ट्रंप को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेग। 14वें संशोधन के मुताबिक, 'अमेरिका में जन्मे या उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन जन्मा हर व्यक्ति अमेरिका का नागरिक है।' ट्रंप और इस नीति के विरोधियों का कहना है कि इससे 'बर्थ टूरिज्म' को बढ़ावा मिलता है। उनका कहना है कि गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से बच्चों को जन्म देने के लिए अमेरिका में आती हैं, ताकि उनके बच्चे अमेरिका की नागरिकता पा सकें और फिर अपने देश लौट जाती हैं।

भारतीयों पर क्या होगा असर?

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नीति में बदलाव होता है तो बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिक प्रभावित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्यू रिसर्च का अनुमान है कि अमेरिका में लगभग 4.8 मिलियन भारतीय-अमेरिकी रहते हैं, जिनमें से 1.6 मिलियन देश में जन्मे हैं। नए प्रस्ताव के तहत इन व्यक्तियों के पास अब नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। इतना ही नहीं जन्म से मिलने वाली नागरिकता को निरस्त करने से लाखों अमेरिकी बच्चे भी प्रभावित होंगे इससे अमेरिकी सरकार के सामने प्रशासनिक संकट खड़ा हो सकता है।  

यह भी जानें

अमेरिकी राष्ट्रपति संविधान में संशोधन नहीं कर सकते हैं। ऐसे किसी भी अधिकार को खत्म करने या सीमित करने की कोशिश करने वाले एक्जीक्यूटिव ऑर्डर को निश्चित रूप से 14वें संशोधन के उल्लंघन माना जाएगा और कोर्ट में चुनौती भी दी जाएगी। ट्रंप के सलाहकारों का कहना है कि इसके पीछे का तर्क अमेरिका को अवैध प्रवासियों से मुक्त करना है। हालांकि, कई जानकार कहते हैं कि इस तरह के तर्क कोर्ट में काम नहीं करते हैं और फैसला बदल दिया जाएगा।

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