रूस-यूक्रेन जंग को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बड़ा बयान, इस बात पर जताया अफसोस
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और फिलहाल इसके खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ी बात कही है।
वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध में जनहानि होने पर अफसोस जताते हुए कहा है कि उनका प्रशासन इस युद्ध को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। ट्रंप ने साथ ही कहा कि उनका प्रशासन पश्चिम एशिया में शांति लाने के लिए भी काम करेगा। उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ के लिए अपने ‘मार-ए-लागो एस्टेट’ आवास में आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘हम पश्चिम एशिया (में शांति) के लिए काम कर रहे हैं और हम रूस और यूक्रेन पर बहुत मेहनत करेंगे। इसे रोकना होगा।’’
'युद्ध रोकने की दिशा में करेंगे काम'
ट्रंप ने पांच नवंबर को देश में हुए राष्ट्रपति पद के चुनावों में उनकी शानदार जीत के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से उपस्थित होकर पहला बड़ा भाषण देते हुए कहा, ‘‘रूस और यूक्रेन को रुकना होगा। मैंने एक रिपोर्ट देखी। पिछले तीन दिन में हजारों लोग मारे गए। कई हजार लोग मारे गए। वो सैनिक थे। चाहे वो (मारे गए लोग) सैनिक हों या शहरों में बैठे लोग हों, हम इस (युद्ध रोकने पर) दिशा में काम करेंगे।’’ नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने कई बार कहा है कि उनकी प्राथमिकता युद्ध को समाप्त करना, यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता के रूप में हो रही अमेरिकी संसाधनों की बर्बादी को रोकना है।
'ट्रंप ने पुतिन के बारे में की हैं सकारात्मक बातें'
इस बीच ट्रंप के पिछले कार्यकाल में उप सहायक के रूप में कार्य कर चुकीं लीसा कर्टिस ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को इस तरह से समाप्त करने की आवश्यकता है जिससे अन्य देशों को अपने पड़ोसियों पर अवैध रूप से आक्रमण करने के लिए प्रोत्साहन ना मिले। कर्टिस ने कहा, ‘‘(नवनिर्वाचित) राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के अन्य पूर्व राष्ट्रपतियों की तुलना में (रूस के) राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन के बारे में अधिक सकारात्मक बातें की हैं। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने की कोशिश करने की भी बात की है। हमें अभी यह नहीं पता है कि वह ऐसा किस तरह करेंगे।’’
'रूस फिर ऐसा ना करे'
कर्टिस ने ‘पीटीआई’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं बस इतना ही कहूंगी कि इसे इस तरह से किया जाना चाहिए कि रूस को अपने किए कार्यों के कुछ परिणाम भुगतने पड़ें।’’ उन्होंने कहा कि यह काम इस तरह से किया जाना चाहिए कि रूस दो या तीन साल बाद फिर यही काम करने की कोशिश ना करे।
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