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Covid on Currency Notes: करेंसी नोट या कार्ड, किससे तेजी से फैलेगा कोरोना वायरस? स्टडी में सामने आई बड़ी बात

रिसर्चर्स ने नोटों के साथ ही सिक्कों और कार्डों के भी सैंपल लिए और 4 बार वायरस का पता लगाने के लिए टेस्ट किया।

Covid on Currency Notes, Covid on Currency, Corona on Currency, Coronavirus on Currency- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL Coronavirus is almost immediately nonviable if deposited on a cash banknote.

Highlights

  • रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस करेंसी नोट पर लगभग तुरंत ही अक्षम हो जाता है।
  • कोविड की रोकथाम के लिए कैश के बदले क्रेडिट या डेबिट कार्ड के इस्तेमाल की सलाह देना सही नहीं है।
  • वायरस 'प्लास्टिक मनी' कार्ड पर ज्यादा देर तक टिकता है और 48 घंटे बाद तक बना रह सकता है।

वॉशिंगटन: कोरोना वायरस ने पिछले 2 सालों में दुनिया को ऐसे जख्म दिए हैं, जिनकी भरपाई हाल-फिलहाल हो पाना नामुमकिन है। इस वायरस ने पूरी दुनिया में खौफ का एक ऐसा माहौल बना रखा है कि डेली यूज में कई लोगों के संपर्क में आने वाली तमाम चीजों को छूने से डर लगता है। ऐसी ही एक चीज है करेंसी नोट, जिसकी जरूरत हममें से लगभग हर किसी को रोजाना ही पड़ती है। हममें से कइयों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या करेंसी नोट के जरिए भी कोरोना फैल सकता है? हाल ही में की गई एक स्टडी ने इस सवाल का जवाब दे दिया है।

करेंसी नोट पर कोरोना लगभग तुरंत ही अक्षम हो जाता है
प्लस वन नाम की एक मैगजीन में पब्लिश एक रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस करेंसी नोट पर लगभग तुरंत ही अक्षम हो जाता है। इस रिसर्च में कहा गया है कि कोविड की रोकथाम के उपाय के रूप में कैश के बदले क्रेडिट या डेबिट कार्ड के इस्तेमाल की सलाह देना सही नहीं है। रिसर्चर्स ने पाया कि वायरस 'प्लास्टिक मनी' कार्ड पर ज्यादा देर तक टिकता है और 48 घंटे बाद तक बना रह सकता है। रिसर्चर्स ने कहा कि स्टडी में सैंपल के तौर पर शामिल किए गए नोट पर किसी भी वायरस का पता नहीं चला।

'हमने वायरस का पता लगाने के लिए 4 बार टेस्ट किया'
अमेरिका की ब्रिगम यंग यूनिवर्सिटी (बीवाईयू) के प्रोफेसर और रिसर्च के राइटर रिचर्ड रॉबिसन ने कहा कि महामारी की शुरुआत में काफी जोर था कि कैश का इस्तेमाल न किया जाए और बहुत से लोगों ने ये बात मानी भी। रॉबिसन ने कहा, 'मैंने सोचा कि इस बारे में आंकड़े तो हैं ही नहीं, फिर लोग ऐसे दावे के साथ ये बात कैसे कह सकते हैं? हमने फिर यह जांच करने का फैसला किया कि क्या यह लॉजिकल है, और यह लॉजिकल नहीं था।' रिसर्चर्स ने नोटों के साथ ही सिक्कों और कार्डों के भी सैंपल लिए और 4 बार वायरस का पता लगाने के लिए टेस्ट किया।

'हमें नोटों पर कोई भी वायरस जिंदा नहीं मिला'
रिसर्चर्स ने 30 मिनट, 4 घंटे, 24 घंटे और 48 घंटे के अंतराल पर वायरस की जांच की। उन्होंने पाया कि डॉलर (नोट) पर 30 मिनट के बाद कोरोना वायरस का पता लगाना मुश्किल था। स्टडी में पाया गया कि 30 मिनट के बाद वायरस 99.9993 प्रतिशत तक कम हो गया। रिसर्चर्स ने 24 और 48 घंटों के बाद फिर से टेस्ट किया और उन्हें नोटों पर कोई जिंदा वायरस नहीं मिला। इसके उलट, कार्ड पर 30 मिनट के बाद वायरस में केवल 90 प्रतिशत की कमी आयी। वक्त के साथ इसमें कमी आती गई लेकिन 48 घंटे बाद भी कार्ड पर जिंदा वायरस मिले थे।

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