A
Hindi News विदेश अमेरिका अमेरिका के लिए खतरे की घंटी! फिर से पैर पसार रहा है कोविड, एक हफ्ते में 19 प्रतिशत मामले बढ़े

अमेरिका के लिए खतरे की घंटी! फिर से पैर पसार रहा है कोविड, एक हफ्ते में 19 प्रतिशत मामले बढ़े

अमेरिका में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है वहीं कोविड से होनेवाली मौतों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : एपी प्रतीकात्मक तस्वीर

वाशिंगटन: अमेरिका में एक बार फिर कोरोना के कहर का खतरा मंडरा रहा है। गर्मियों के अंत में यहां कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। एक हफ्ते में कोविड अस्पताल में भर्ती होने वालों के संख्‍या में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, कोविड से मौतों के मामले में 21 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। एनपीआर की रिपोर्ट के अनुसार रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार एक सप्ताह में 10,000 लोगों को कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बढ़ते कोविड मामलों को देखते हुए कुछ स्कूलों, अस्पतालों और व्यवसायों के लोगों को फिर से मास्क पहनने के लिए कहा गया है।

जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है उनके लिए खतरा

सीडीसी निदेशक मैंडी कोहेन ने आगाह किया कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनके लिए कोविड जोखिम भरा बना हुआ है। जोखिम विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए अधिक है, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। वहीं, जिन्हें पहले संक्रमण नहीं हुआ है और जो अधिक उम्र के हैं या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए भी खतरा हो सकता है। 

70 फीसदी मरीजों की उम्र 65 साल से ज्यादा 

एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग 70 प्रतिशत लोग 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं। स्वास्थ्य अधिकारी दो नए वेरिएंट पर नजर रख रहे हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट ईजी.5 (एरिस) अमेरिका में प्रमुख है और बीए.2.86 फैलना शुरू हो रहा है।

मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह

सीडीसी ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि बीए.2.86 उन लोगों में संक्रमण पैदा करने में अधिक सक्षम हो सकता है, जिन्हें पहले कोविड संक्रमण या टीके लगे हों। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर में कुछ संस्थानों के लोगों को अस्थायी रूप से मास्‍क पहनने को कहा गया है। विश्व स्तर पर मामले बढ़ने के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ईजी.5 या एरिस को "वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" के रूप में नामित किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार ईजी.5 अनुक्रमों का सबसे बड़ा हिस्सा चीन (30.6 प्रतिशत) से है। हालांकि, उसका मानना है कि वैरिएंट कोई महत्वपूर्ण जोखिम पैदा नहीं करता है। (IANS)

Latest World News