China America: चीन और अमेरिका की तनातनी जगजाहिर है। अमेरिका चीन की वन चाइना पॉलिसी को नहीं मानता है। ताइवान पर चीन के किसी भी कदम का अमेरिका विरोध करता है। इसी बीच चीन ने अमेरिका से दो टूक कहा है कि वह ताइवान के मुद्दे पर पीछे हटने वाला नहीं है। चीन और अमेरिका की वॉशिंगटन में दो दिनी सैन्यवार्ता के दौरान चीन ने ताइवान को लेकर अपना यह पक्ष रखा। चीनी रक्षा मंत्रालय ने साफ कहा कि वह ताइवान मुद्दे पर समझौता नहीं करेगा। चीनी सेना ने अमेरिका से ताइवान को हथियार सप्लाई बंद करने का भी आग्रह किया। साथ ही चीन ने अमेरिका से ये भी कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य तैनाती और भड़काऊ कार्रवाइयों को कम करे।
चीन ने अमेरिका के समक्ष रखी अपनी चिंताएं
चीन ने कहा है कि हमने अपने मूल हितों और अंतरराष्ट्रीय हॉटस्पॉट मुद्दों से जुड़े मुद्दों पर गंभीर स्थिति और प्रमुख चिंताओं को विस्तार से बताया है। अमेरिका को भी समुद्री और हवाई सुरक्षा मुद्दों के मूल कारणों को पूरी तरह से समझना चाहिए। उसे अपने सीमावर्ती सैनिकों पर सख्ती से लगाम लगानी चाहिए और अतिशयोक्ति और प्रचार बंद करना चाहिए। चीन लगातार ताइवान पर दावा करते हुए कहता रहा है कि यह उसके क्षेत्र का हिस्सा है।
2021 के बाद पहली बार हुई अमेरिका-चीन की सैन्य वार्ता
अमेरिका और चीन के बीच 2021 के बाद यह पहली सैन्य वार्ता है, जिसमें चीन ने ताइवान के मुद्दे किसी भी तरह से समझौता से इनकार किया है। चीन का ये बयान ऐसे समय आया है, जब ताइवान में चुनाव होने हैं। चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता रहा है लेकिन यह द्वीप खुद को चीनी मुख्य भूमि से अलग मानता है। चीन ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है।
Latest World News