विवादों से प्यार करने वाले चीन की दुनिया के कई देशों की प्रति आक्रामकता लगातार बढ़ रही है। जिनमें भारत भी शामिल है। चीन आए दिन ऐसी कोई न कोई गलत हरकत करता रहता है, जिससे संबंधित मुद्दे पर और तनाव बढ़े। इस बीच अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एनएसी) के पास चीन ने जिस सैन्य चौकी का निर्माण किया है, वह उसके पड़ोसियों के प्रति चीनी आक्रामकता का चिंताजनक संकेत है। उन्होंने इस संबंध में आई एक खबर के बाद यह टिप्पणी की है। समाचार पत्र ‘पॉलिटिको’ ने बुधवार को दावा किया था कि चीन ने भारत के साथ अपनी विवादित सीमा के पास एक सैन्य चौकी बनाई है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक नई चौकी संबंधी खबर बीजिंग की बढ़ती क्षेत्रीय आक्रामकता का एक और चिंताजनक संकेत है, जो अमेरिका द्वारा भारत और अन्य सुरक्षा साझेदारों के साथ संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता को दोहराता है।’’ वहीं एक अन्य खबर में पता चला है कि चीन अपने हथियारों के भंडारण को लगातार बढ़ा रहा है। जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं।
1,500 हथियारों का भंडार
चीन के पास 2035 तक करीब 1,500 हथियारों का भंडार होने की संभावना है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने यह जानकारी दी है। चीन के पास अभी अनुमानित रूप से 400 हथियार हैं। पेंटागन ने चीन के महत्वाकांक्षी सैन्य कार्यक्रम पर अमेरिकी संसद को सौंपी गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा कि अगले दशक तक बीजिंग का उद्देश्य अपनी परमाणु ताकतों का आधुनिकीकरण करना, उसमें विविधता लाना और उसका विस्तार करना है। उसने कहा कि चीन की मौजूदा परमाणु आधुनिकीकरण की कवायद पहले की आधुनिकीकरण की कोशिशों के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़े पैमाने पर हैं।
परमाणु मंचों की संख्या बढ़ा रहा चीन
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन जमीन, समुद्र और वायु आधारित परमाणु मंचों की संख्या बढ़ा रहा है और अपने परमाणु बलों का विस्तार करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। इमसें कहा गया है कि चीन ने 2021 में अपने परमाणु विस्तार को संभवतः तेज कर दिया। पेंटागन ने अनुमान जताया कि चीन में संचालनात्मक परमाणु हथियारों का भंडार 400 के पार चला गया है।
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