नई दिल्लीः भारत के मोस्टवांटेड आतंकी गोल्डी बराड़ का कनाडा हमदर्द बन गया है। भारत के खिलाफ आतंकी साजिश और अन्य अपराधों को अंजाम देने वाले इस अपराधी से कनाडा को इस कदर प्रेम हो गया कि उसने इस गैंगस्टर का नाम वांछितों की सूची से बाहर निकाल दिया। कनाडा से हाल में वापस बुलाए गए राजनयिक संजय वर्मा ने कहा है कि कनाडा ने अचानक उत्तरी अमेरिकी राष्ट्र में सक्रिय गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम वांछित अपराधियों की अपनी सूची से हटा दिया है। वर्मा ने कहा कि भारत ने कनाडाई अधिकारियों के साथ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और बराड़ के नाम साझा किए थे, जिसने बराड़ का नाम वांछितों की सूची में डाल दिया था। मगर अब कनाडा से उसे निकाल दिया है।
वरिष्ठ राजनयिक ने यह भी कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ‘‘गलत’’ थी और गहन जांच के बाद सच्चाई सामने आनी चाहिए। वर्मा ने कहा, ‘‘निज्जर हमारे लिए एक आतंकवादी था, लेकिन किसी भी लोकतंत्र, कानून के शासन वाले देश के लिए जो कुछ भी न्यायेतर है, वह गलत है।’’ राजनयिक ने कहा, ‘‘हमने उनसे हमेशा कहा कि हम पूरे प्रकरण की तह तक पहुंचना चाहते हैं, ताकि आप संतुष्ट हों, हम संतुष्ट हों।’’ उन्होंने कहा कि बराड़ कनाडा में एक गिरोह चलाता था, लेकिन उस देश में ऐसे कई समूह हैं जिनकी पहुंच इतनी अंतरराष्ट्रीय नहीं है, लेकिन उनका प्रभाव पूरे कनाडा में है। वर्मा ने कहा, ‘‘गोल्डी बराड़ कनाडा में रह रहा था। हमारे अनुरोध पर, उसका नाम वांछितों की सूची में डाल दिया गया था।
अचानक गोल्डी बराड़ का नाम वांछितों की सूची से बाहर
वर्मा ने कहा कि अचानक, उसका नाम वांछितों की सूची से गायब हो गया। मैं इससे क्या मतलब निकालूं? या तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया है या वह अब वांछित नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जब मादक पदार्थों की तस्करी या मानव तस्करी और बंदूक चलाने पर हिंसा शुरू होती है, तो हमने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा है कि हत्याएं होती हैं।’’ माना जाता है कि बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य था और मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद वह चर्चा में आया। हालांकि, खबरों से पता चलता है कि दोनों अब अलग-अलग गिरोह चला रहे हैं। वर्मा ने कहा कि भारत ने बराड़ और बिश्नोई के नाम रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के साथ साझा किए थे। राजनयिक ने कहा, ‘‘तो, ऐसा नहीं है कि कनाडा या कनाडाई अधिकारी अपने सपनों से जाग गए और कहा, यहां एक लॉरेंस बिश्नोई है और यहां एक गोल्डी बराड़ है, यह एक भारतीय एजेंसी थी जिसने उन्हें इन दो गैंगस्टर के बारे में बताया था। (भाषा)
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