ओटावाः कनाडा सरकार ने विदेशी छात्रों को एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के एक फैसले से तमाम विदेशी छात्रों के सपनों पर खंजर चल गया है। इस फैसले के अनुसार अब विदेशी छात्रों के लिए परमिट में और भी ज्यादा कटौती कर दी गई है। ट्रूडो ने इसके लिए 'बुरे अभिनेताओं' को दोषी ठहराया है। फैसले के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में रहने की उच्च लागत और विदेशी छात्रों एवं श्रमिकों के आगमन में वृद्धि के कारण आवास संकट के भारी दबाव के चलते यह फैसला लिया है।
ट्रूडो ने हाल ही में अस्थायी विदेशी कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कटौती की घोषणा की थी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। अब कनाडा विदेशी छात्रों और श्रमिकों के लिए अध्ययन परमिट की संख्या को और कम कर रहा है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार उन "बुरे तत्वों" पर कार्रवाई करेगी जो "आव्रजन प्रणाली का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का लाभ उठाते हैं"। कनाडा ने इस साल पहले ही 35 प्रतिशत परमिट कम दिया है। अब ट्रूडो ने 2025 में इसमें 10 प्रतिशत और कटौती की घोषणा कर दी है।
2 साल में 45 फीसदी वीजा परमिट में कटौती का ऐलान
ट्रूडो ने कहा कि हम इस साल विदेशी छात्रों को 35% कम परमिट दे रहे हैं और अगले साल इसमें 10% की कटौती और की जाएगी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहाकि आप्रवासन हमारी अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है, लेकिन जब बुरे तत्व सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं और छात्रों का फायदा उठाते हैं, तो हम टूट जाते हैं। बता दें कि इस दौरान कनाडाई मतदाता भी जीवनयापन की लागत में वृद्धि और आवास संकट से जूझ रहे हैं, जो कि विदेशी छात्रों और श्रमिकों सहित अस्थायी निवासियों के आगमन में वृद्धि के कारण है। इससे ट्रूडो की लोकप्रियता कम हो गई है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी, 2025 में अगले संघीय चुनाव से पहले केंद्र के दक्षिणपंथी पियरे पोइलिवरे के कंजर्वेटिवों से बुरी तरह पिछड़ रही है।
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