वाशिंगटन: यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच चल रही तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि उनका मानना है कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में पूर्ण युद्ध नहीं चाहते हैं और अगर वह सैन्य घुसपैठ के साथ आगे बढ़ते हैं तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। बाइडेन ने बुधवार को अपने कार्यकाल के एक साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा उनका मानना है कि रूस यूक्रेन पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, हालांकि उन्हें नहीं लगता कि पुतिन ने अंतिम निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है यह रूस के लिए एक आपदा होगी। हमारे साथी और सहयोगी रूस और उसकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं।
एक लाख से ज्यादा सैनिकों की तैनाती
बाइडेन ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो वह अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली तक रूस की पहुंच को सीमित कर देगा। बाइडेन ने कहा कि मुझे यह निश्चित तौर पर पता नहीं है वह क्या करने जा रहे हैं। मेरा अनुमान है कि वह अंदर चले जाएंगे।' बाइडेन का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यूक्रेन यात्रा के कुछ घंटों बाद आया है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर रहा है। साथ ही रूस की यह भी प्लानिंग है कि बेहद कम समय में सैनिकों की संख्या दोगुनी भी की जा सकती है।
युद्धाभ्याास के लिये सैनिकों को बेलारूस भेज रहा है रूस
रूस देश के सुदूर पूर्वी हिस्से में तैनात सैनिकों को बड़े युद्धाभ्यास के लिये बेलारूस भेज रहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पश्चिमी देशों में हमले के डर के बीच इस तैनाती से यूक्रेन के पास रूसी सैन्य साजो-सामान की संख्या और बढ़ गई है। रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा कि युद्धाभ्यास का मकसद रूस और बेलारूस के गठबंधन द्वारा बाहरी खतरों से निपटने के लिए संयुक्त अभ्यास करना है। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंध हैं। फोमिन ने यह नहीं बताया कि अभ्यास के लिए कितने सैनिकों और हथियारों को फिर से तैनात किया जा रहा है।
रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की मंशा से इनकार किया
हालांकि, यूक्रेन के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस अपने सहयोगी बेलारूस के क्षेत्र सहित विभिन्न दिशाओं से हमला कर सकता है। इस तैनाती से यूक्रेन के पास टैंकों और अन्य भारी हथियारों के साथ मौजूद 1,00,000 सैनिकों की ताकत और बढ़ जाएगी। पश्चिमी देशों को डर है कि यह हमले से पहले की तैयारी हो सकती है। हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की मंशा से इनकार किया है, लेकिन उसने पश्चिमी देशों से गारंटी की मांग की है कि नाटो यूक्रेन या अन्य पूर्व सोवियत देशों में विस्तार नहीं करेगा या अपने सैनिक और हथियार वहां नहीं रखेगा। वाशिंगटन और उसके सहयोगियों ने जिनेवा में पिछले सप्ताह रूस-अमेरिका वार्ता और ब्रसेल्स में नाटो-रूस से संबंधित बैठक के दौरान मास्को की मांगों को दृढ़ता से खारिज कर दिया था।
इनपुट-एपी, पीटीआई
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