वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बड़ा बयान देकर पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के तेजी से रक्षा उत्पादन बढ़ाने के मद्देनजर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों से बुधवार को अपने औद्योगिक आधार को भी मजबूत करने का आह्वान किया। बाइडेन ने वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन के एक सत्र के दौरान कहा कि नाटो देशों ने दो साल पहले अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, ''आज हमें खुद से यह सवाल करना होगा कि आगे क्या? हम अपनी ढाल को कैसे मजबूत बना सकते हैं? इसका एक जवाब यह है कि हमें अपने औद्योगिक आधार को मजबूत करना होगा।''
बाइडेन का उक्त बयान कहीं किसी बड़ी जंग की आहट का संकेत तो नहीं। यह आशंका इसलिए भी बढ़ रही है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का फिलहाल कोई हल होता नहीं दिखाई दे रहा है। रूस यूक्रेन पर जितना हावी होता है, नाटो और पश्चिमी देशों की कीव को की जाने वाली मदद उसे उतना ही पीछे धकेल देती है। ऐसे में पुतिन को यूक्रेन से जंग लड़ना अब घाटे का सौदा साबित होने लगा है। इतने बड़े और ताकतवर देश को यूक्रेन से इतना लंबा युद्ध लड़ने में अब दिलचस्पी नहीं रही। लिहाजा रूस अब इस जंग को खत्म करना चाहता है। मगर यूक्रेन को पश्चिमी देशों की मदद मिलते रहने से रूस को अब इसके लिए कोई बड़ा कदम उठाना पड़ सकता है, जिसका संकेत भी उसने कई बार दिया है। क्या अमेरिका अब नाटो देशों को रूस के इसी खतरे से निपटने के लिए तैयार रहने को कह रहा है?
बाइडेन ने क्या कहा?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''इस समय रूस तेजी से अपने रक्षा उत्पादन में बढ़ोतरी कर रहा है। वह हथियारों, वाहनों और युद्ध सामग्री का उत्पादन तेजी से बढ़ा रहा है। रूस चीन, उत्तर कोरिया और ईरान की मदद से अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत कर रहा है। जहां तक मेरा विचार है, हमारे संगठन को भी ऐसी स्थिति में पीछे नहीं रहना चाहिए।'' बाइडन ने कहा, ''मुझे बहुत खुशी है कि आज नाटो के सभी सदस्य हमारे औद्योगिक आधार और औद्योगिक क्षमता का विस्तार करने का संकल्प ले रहे हैं।
यह सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक जरूरी कदम है। ऐसा पहली बार हुआ है कि नाटो का हर सदस्य देश अपने यहां रक्षा उत्पादन को और बढ़ाने का संकल्प ले रहा है।'' उन्होंने कहा, ''इसका मतलब है कि एक संगठन के तौर पर हम अधिक नवीन और प्रतिस्पर्धी बनेंगे। हम अधिक महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों का तेजी से निर्माण कर सकते हैं।' (भाषा)
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