ट्रंप के सत्ता में आने से पहले बाइडेन ने H-1B वीजा को किया आसान, जानें भारतीयों को होंगे क्या फायदे?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने से पहले जो बाइडेन ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। इससे भारतीयों को अमेरिका में रहना और नौकरी पाना सबसे अधिक आसान हो जाएगा।
वाशिंगटनः अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने फैसलों से लगातार सबको चौंका रहे हैं। इस बार उन्होंने एच-1 बी वीजा प्रोग्राम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बाइडेन प्रशासन ने विशेष कौशल वाले विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी कार्यक्रम को आसान बना दिया है। बता दें कि एच-1बी गैर-आप्रवासी वीजा कार्यक्रम है, जो अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेष व्यवसायों में अस्थायी रूप से विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
जो बाडेन के प्रशासन के इस फैसले ने अब विशेष कौशल वाले भारतीयों और अन्य विदेशी श्रमिकों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना आसान बना दिया है। साथ ही एफ-1 छात्र वीजा से एच-1बी वीजा में आसान समायोजन की सुविधा प्रदान की है। इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होगा। ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने इस फाइनल नियम की घोषणा की जो अमेरिकी कंपनियों को कुशल कामगार भरने की क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
भारतीयों को अमेरिका में रहना और नौकरी पाना आसान
जो बाइडेन के इस फैसले से अधिक से अधिक भारतीयों को अमेरिका में नौकरी पाना और वहां रहना आसान हो जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है, ''नया नियम अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके, नियोक्ताओं को प्रतिभाशाली श्रमिकों को बनाए रखने की अनुमति देता है। यह एच1-बी कार्यक्रम की अखंडता और निगरानी में सुधार करके उसको आधुनिक बनाता है।'' यह नियम बाइडेन के पिछले प्रयासों पर आधारित है। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी व्यवसायों की श्रम संबंधी ज़रूरतें पूरी हों। साथ ही अमेरिका कर्मचारी सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए नियोक्ताओं पर अनुचित बोझ को कम किया जा सके।
17 जनवरी 2025 से शुरू होंगे आवेदन
इस प्रोग्राम में वीजा के लिए आवेदन 17 जनवरी, 2025 से शुरू होंगे। इसके आवेदनों के लिए फॉर्म I-129, एक गैर-आप्रवासी श्रमिक के लिए याचिका का एक नया संस्करण आवश्यक होगा, जो नियम की प्रभावी तिथि है। वहीं पूर्व फॉर्म संस्करणों को स्वीकार करने के लिए कोई छूट अवधि नहीं दी गई है। ऐसे में यूएससीआईएस जल्द ही नए फॉर्म I-129 संस्करण का एक पूर्वावलोकन संस्करण यूएससीआईएस.जीओवी पर प्रकाशित करेगा।
क्या है नए नियम का उद्देश्य
नए नियम का उद्देश्य विशेष व्यवसायिक पदों के साथ-साथ गैर-लाभकारी और सरकारी अनुसंधान संगठनों के लिए परिभाषा और मानदंडों को आधुनिक बनाकर नियोक्ताओं और श्रमिकों के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करना है, जिन्हें एच-1बी वीजा पर वार्षिक वैधानिक सीमा से छूट प्राप्त है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ''नियम एफ-1 वीजा पर उन छात्रों के लिए कुछ लचीलेपन का विस्तार करता है जो अपनी स्थिति को एच-1बी में बदलना चाहते हैं। ताकि उन एफ-1 छात्रों के लिए वैध स्थिति और रोजगार प्राधिकरण में पैदा होने वाले व्यवधान से बचा जा सके।''अंतिम नियम यूएससीआईएस को उन अधिकांश व्यक्तियों के आवेदनों को अधिक तेज़ी से संसाधित करने की अनुमति देगा, जिन्हें पहले एच1बी वीज़ा के लिए अनुमोदित किया गया था।" इसके अलावा, यह नियम याचिकाकर्ता संगठन में नियंत्रित हित वाले एच-1बी लाभार्थियों को भी उचित शर्तों के अधीन एच-1बी स्थिति के लिए पात्र होने की अनुमति देगा।