पेनसिल्वेनिया की रैली में ट्रंप पर हुआ था जानलेवा हमला, अब जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पेनसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। अब इस मामले में जांच के दौरान पाया गया है कि रैली के दौरान सीक्रेट सर्विस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच कोई तालमेल नहीं था।
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। रैली में ट्रंप की सुरक्षा को लेकर गंभीर चूक हुई थी। जांच में खुफिया सेवा की विफलताएं सामने आई हैं। बुधवार को जारी एक द्विदलीय सीनेट जांच में यह बात सामने आई। रैली में एक बंदूकधारी ने गोलीबारी की थी जिसमें ट्रंप घायल हो गए थे। एजेंसी की अपनी आंतरिक जांच और सदन में चल रही द्विदलीय जांच के समान, सीनेट की होमलैंड सुरक्षा और सरकारी मामलों की समिति की अंतरिम रिपोर्ट में भी पेनसिल्वेनिया में हुई गोलीबारी से पहले लगभग हर स्तर पर कई विफलताएं पाई गई हैं। इन विफलताओं में योजना, संचार, सुरक्षा और संसाधनों का आवंटन शामिल हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के बीच नहीं था तालमेल
होमलैंड समिति के डेमोक्रेटिक अध्यक्ष और मिशिगन के सीनेटर गैरी पीटर्स ने कहा, 'असफलताओं के परिणाम भयंकर थे।' जांचकर्ताओं ने पाया कि सीक्रेट सर्विस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच कोई तालमेल नहीं था। उस इमारत में सुरक्षा घेरे के लिए कोई योजना नहीं थी, जहां हमलावर गोलियां चलाने के लिए चढ़ा था। अधिकारी कई अलग-अलग रेडियो चैनलों पर काम कर रहे थे, जिसके कारण संचार में बाधा उत्पन्न हो रही थी। हेल्पलाइन पर काम कर रहा एक अनुभवहीन ड्रोन परिचालक उपकरण में हुई गड़बड़ी के कारण ठीक से काम नहीं कर पाया। पीटर्स ने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों के बीच संचार ना के बराबर था।
सीक्रेट सर्विस को दी गई थी सूचना
रिपोर्ट में पाया गया कि हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के गोलीबारी करने से लगभग दो मिनट पहले सीक्रेट सर्विस को इमारत की छत पर एक व्यक्ति के बारे में सूचना दी गई थी। क्रुक्स ने ट्रंप की दिशा में आठ गोलियां चलाईं। पूर्व राष्ट्रपति जहां भाषण दे रहे थे उस जगह से हमलावर की दूरी 150 गज से भी कम थी। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से 2024 के लिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप की हत्या के प्रयास में एक गोली या गोली का टुकड़ा कान में लगा था। रैली में शामिल एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे। बाद में खुफिया सेवा के निशानेबाज ने हमलावर को मार गिराया था।
जानकारी खुफिया सेवा तक नहीं पहुंची
रिपोर्ट में पाया गया कि क्रूक्स की ओर से गोली चलाने से लगभग 22 सेकंड पहले, एक स्थानीय अधिकारी ने रेडियो अलर्ट भेजा था कि इमारत पर एक हथियारबंद व्यक्ति मौजूद है। लेकिन यह जानकारी खुफिया सेवा के उन प्रमुख कर्मियों तक नहीं पहुंचाई गई, जिनका सीनेट जांचकर्ताओं ने साक्षात्कार लिया था। समिति ने खुफिया सेवा के एक ‘स्नाइपर’ (निशानेबाज) से भी पूछताछ की, जिसने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को अपनी बंदूकें तानकर उस इमारत की ओर भागते देखा, जहां हमलावर था, लेकिन उस व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने ट्रंप को मंच से उतारने के लिए किसी को सूचित करने के बारे में नहीं सोचा था। (भाषा)
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